सिविल अस्पताल में मैडीकल लीगल रिपोर्टों के लिए होना पड़ता है परेशान

Edited By ,Updated: 19 Feb, 2015 01:43 AM

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सेहत विभाग के अधीन चलने वाले सिविल अस्पताल में मैडीकल लीगल केसों की रिपोर्टें कई-कई दिन लेट जारी...

अमृतसर(दलजीत): सेहत विभाग के अधीन चलने वाले सिविल अस्पताल में मैडीकल लीगल केसों की रिपोर्टें कई-कई दिन लेट जारी हो रही हैं। अस्पताल प्रशासन की ढील के कारण जहां पीड़ित रिपोर्टें लेने के लिए परेशान हो रहे हैं, वहीं निर्धारित समय से रिपोर्टें थानों में न पहुंचने के कारण पुलिस प्रशासन संबंधित केसों में उचित कार्रवाई करने में बेबस हो रहा है। 

तरुण शर्मा ने सिविल अस्पताल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सेहत मंत्री से मामले की शिकायत कर दी है। उन्होंने कहा कि सेहत विभाग की मुख्य संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू लोगों को सरकारी अस्पतालों में बढिय़ा सेहत सुविधाएं दिलाने का दावा करते नहीं थकतीं लेकिन अस्पतालों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मैडीकल लीगल (लड़ाई-झगड़े) के केसों की रिपोर्टें नियमों के अनुसार एक दिन में देनी होती हैं या कोई गंभीर केस हो तो 2 दिन में रिपोर्ट संबंधित थाने को देनी होती है लेकिन सिविल अस्पताल में 10-10 दिन बीत जाने के बाद भी रिपोर्टें जारी नहीं की जा रही हैं। रिपोर्टें लेने के लिए मरीज के वारिस डाक्टरों के पीछे-पीछे घूमते रहते हैं और वह भी आजकल-आजकल करते रहते हैं। 
 
तरुण शर्मा ने कहा कि रिपोर्टों में देरी का एक ही कारण हो सकता है कि डाक्टर पैसे मांगते हैं। उनके पास कई ऐसे केस हैं, जिनकी रिपोर्टों में देर हो रही है और डाक्टर पल्ला नहीं पकड़ा रहे हैं। तरुण शर्मा ने कहा कि अस्पताल में कुछ डाक्टर तो ऐसे हैं, जो पैसों को ही महत्ता देते हैं और पैसे न देने वालों की कोई सुनवाई नहीं करते हैं। अस्पताल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और डा. सिद्धू मूकदर्शक बनी हुई हैं। तरुण शर्मा ने कहा कि उन्होंने सेहत मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी को जानकारी दे दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल डालकर लोगों की परेशानी को खत्म किया जाए। 
 
क्या कहते हैं अस्पताल के एस.एम.ओ. : अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. बी.एस. ढिल्लों ने कहा कि मैडीकल लीगल केसों में समयबद्ध समय में रिपोर्टें दी जा रही हैं। 2 केसों बारे जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऑनलाइन करने पर अन्य कार्रवाइयों में 4-5 दिन लग जाते हैं। लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाती है। 
 
क्या कहते हैं सिविल सर्जन : सिविल सर्जन डा. राजीव भल्ला ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। वह इस संबंधी अस्पताल के अधिकारियों के साथ बात करेंगे। रिपोर्टों में देर नहीं होनी चाहिए।
 
 

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