Edited By ,Updated: 01 Aug, 2015 01:39 AM
परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में आए दिन हजारों यात्री मौत के साये में सफर करने को मजबूर...
बहादुरगढ़ : परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में आए दिन हजारों यात्री मौत के साये में सफर करने को मजबूर हैं। असल में इन बसों में सुरक्षा इंतजामों में भरी लापरवाही बरती जा रही है। अगर खचाखच भरी बसों में कोई हादसा हो जाए तो उसका अंजाम भयानक हो सकता है। आग लगने की स्थिति में भी बसों के अंदर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
बहादुरगढ़ से दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, यू.पी. समेत कई राज्यों के साथ हरियाणा के सभी जिलों के लिए रोडवेज बसें चलती हैं। डी.टी.सी. के अलावा कई प्रदेशों की बसें भी यहां आती हैं। प्राइवेट बसों का तो यहां मेला सा लगा रहता है। सी.एन.जी. बसें भी अब बहादुरगढ़ बस अड्डे से संचालित होने लगी हैं लेकिन किसी भी बस में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं है।
हजारों यात्री इन बसों में जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। यात्री इन बसों में हर समय ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलते हैं। यात्रा के दौरान प्रतिबंधित गैस सिलैंडर, स्टोव, मिट्टी का तेल व डीजल आदि को अक्सर बसों में लेकर जाते देखा जा सकता है। ऊपर से बीड़ी और सिगरेट पीने वाले मनाही की चेतावनी का उल्लंघन करना अपना नैतिक अधिकार समझते हैं और बसों में सरेआम धूम्रपान करते दिखाई दे रहे हैं। मगर नियमों की पालना के लिए कभी खास चैकिंग विभाग द्वारा नहीं की जाती।
यही कारण है कि बस चालकों व विभाग द्वारा सुरक्षा इंतजामों को लेकर भी लापरवाही बरती जाने लगी है। हालात यह हैं कि बस ही नहीं बस अड्डों पर भी आग को बुझाने के पुख्ता बंदोबस्त नहीं हैं। यहां आग बुझाने के यंत्र तो लगे हंै लेकिन उनकी समयानुसार टैसिं्टग नहीं की जाती। परिवहन विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है।
हालांकि विभागीय अधिकारी शासन से जैसा निर्देश और नीति लागू की जाती है, उसके मुताबिक काम करने की बात जरूर कहते हैं। फायर ब्रिगेड के अधिकारी की मानें तो वह सभी विभागों को समय-समय पर आग से बचाव के यंत्र लगाने की हिदायत देते हैंं और चैकिंग भी करते हैं। लेकिन सरकारी विभाग ही इस ओर गंभीरता नहीं दिखाते हैं जबकि निजी फैक्टरी मालिक व अन्य संस्थानों के मालिक इसके प्रति गंभीर दिखाई देते हैं।