Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jul, 2017 07:09 PM
लोढा सुधारों के लिए बनी बीसीसीआई समिति ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने में अपनी आपत्तियों की सूची में आज मानद अधिकारि...
मुंबई: लोढा सुधारों के लिए बनी बीसीसीआई समिति ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने में अपनी आपत्तियों की सूची में आज मानद अधिकारियों और पेशेवरों द्वारा किये जाने वाले काम को निर्धारित करने को भी शामिल किया। अन्य तीन बिंदू Þएक राज्य एक मत, हर कार्यकाल के बाद तीन साल का ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) और जब लोढा सिफारिशों को लागू किया जाये तो शीर्ष परिषद के सदस्यों के लिये कूलिंग ऑफ पीरियड को दूर रखना है।
हालांकि विशेष रूप से आमंत्रित किये गये निरंजन शाह के लिये बुरी खबर है जिन्होंने 70 साल के उम्र की पांबदी को भी इसमें शामिल करने की मांग की थी। लेकिन इसे चार बिंदू आपत्तियों में शामिल नहीं किया गया। जतिन परांजपे और गगन खोड़ा की चयन समिति में दोबारा प्रवेश करने की उम्मीद कम ही दिखती है क्योंकि पांच सदस्यीय पैनल को भी प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं किया गया।
हालांकि सबसे अहम बिंदू अधिकारियों और भुगतान किये जाने वाले पेशेवरों के बीच अधिकारों के विभाजन की मांग थी। मानद सचिव की भूमिका इस समय अमिताभ चौधरी निभा रहे हैं और वह कभी कभार सीधे रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी से भिड़ते दिखते हैं। चौधरी ने इसके बारे में विस्तार से बताये बिना पत्रकारों से कहा कि हम अपनी आपत्तियों को सात से चार बिंदू तक करने में सफल रहे। इनमें से एक बिंदू अधिकारियों और पेशेवरों के बीच अधिकार और कार्यों से संबंधित है। इसकी समीक्षा की जरूरत है। विशेष समिति का यही विचार है।