दादी की याद

Edited By Tanuja,Updated: 27 Dec, 2018 01:51 PM

dadi ki yaad

आज यह हवा कैसी चल रही है...

 आज यह हवा कैसी चल रही है,
 दादी की याद मुझे क्यों सता रही है, 
 गुजरा हुआ कल याद दिला रही है,
 बचपन में क्यों ले जा रही है,
यह धुआं धुआं कैसे हो रखा है,
मौसम ने मिजाज क्यों बदला है,
घुटन सी क्यों महसूस हो रही है,
दादी की याद मुझे क्यों सता रही है,
वह दादी ही नहीं आजादी भी थी,
वह तो जहन में हैं, रग-रग में है,
सोच में है सपनों में है,
आज भी वैसी की वैसी ताजा है। 

वह सुबह-सुबह मंदिर गुरुद्वारे के स्पीकर के साथ उठना,
 वह मीठी-मीठी दिल को छू लेने वाली हवा,
जब दादी गीत गुनगुनाती थी,
आज भी ऐसा लगता है,
के वह कहीं आस-पास ही है,
कहां गया वह गाजर का हलवा,
जिसे खाने को आज भी मन तरसता है,
वह दूध का गिलास और लस्सी का स्वाद,
मक्की की रोटी सरसों का साग,
जिसकी खुशबू आज भी मुझे सताती है,
कहां गया वह पेड़, वह आंगन,
जहां पर खाना बनाती थी,


 कहां गई वह बातें, जब हम गुमसुम होते थे,
 जो मन में विश्वास और जोश भर देती थी,
 कहां गई कोयल की कू कू वह चरखे की कूक,
 जिस के लिए आज भी कान तरसते हैं,
 कहां गए वह कुएं और बागों के पेड़,
 कहां गई वह लोरियां तेरी
 और वह राजा रानी की कहानियां,
 जिनको सुनते-सुनते हम सो जाते थे,
 
 गलतियां होने पर भी 
 तेरे लाड को कैसे भुला पाऊंगा,
 गिर के उठना सिखाने वाली,
 इस बदले हुए वक्त में भी तेरी यादों को 
 मोतियों की माला में पिरो रखा है.
 दादी की याद मुझे क्यों सता रही है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!