Breaking




चंद अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं पर अत्याचार

Edited By ,Updated: 26 Nov, 2024 05:03 AM

abuse of students by a few teachers

जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है। वही बच्चों को सही शिक्षा देकर अज्ञानी से ज्ञानवान बनाता है, परंतु आज चंद अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा अपने आदर्शों को भूल छोटी आयु से लेकर बड़ी आयु तक के छात्र-छात्राओं पर अमानवीय...

जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है। वही बच्चों को सही शिक्षा देकर अज्ञानी से ज्ञानवान बनाता है, परंतु आज चंद अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा अपने आदर्शों को भूल छोटी आयु से लेकर बड़ी आयु तक के छात्र-छात्राओं पर अमानवीय अत्याचार और यौन उत्पीडऩ करने के साथ-साथ नैतिकता को भी तार-तार किया जा रहा है। यहां निम्न में दर्ज हैं ऐसी ही चंद ताजा घटनाएं :

* 8 सितम्बर को सोनीपत के एक स्कूल में पढऩे वाले 10वीं कक्षा के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र के परिजनों का आरोप है कि एक अध्यापिका द्वारा पीटने से आहत होकर उनके बच्चे ने यह कदम उठाया।
* 21 सितम्बर को घरौंडा (हरियाणा) में सरकारी प्राइमरी स्कूल-2 में समय से पहले छुट्टïी का शोर मचाने पर एक अध्यापिका ने कुछ छात्र-छात्राओं को बुरी तरह पीटा जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
* 7 अक्तूबर को मुजफ्फरपुर (बिहार) के ‘भगवानपुर’ में एक प्राइवेट स्कूल का अध्यापक हैवान बन गया। वह 5 सवालों में से केवल एक सवाल का सही जवाब न दे पाने पर चौथी कक्षा के एक बच्चे को उसके बेहोश हो जाने तक छड़ी से पीटता चला गया। 

* 27 अक्तूबर को धौलपुर (राजस्थान) के एक स्कूल में एक महिला अध्यापिका ने किसी बात से नाराज होकर 2 छात्रों को बुरी तरह पीटा। इनमें से एक छात्र को 27 और दूसरे छात्र को 21 छडिय़ां मारीं। पिटाई के परिणामस्वरूप एक बच्चे को गंभीर रूप से बीमार हो जाने के कारण इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 
* 11 नवम्बर को कानपुर के एक बच्चों के स्कूल में अध्यापिका रीतिका ने होमवर्क न करने पर 4 वर्ष के मासूम के बाल नोचे और बुरी तरह पीटा जिससे उसके कान और गाल पर गहरे निशान बन गए।
* 16 नवम्बर को नादौन (हिमाचल प्रदेश) स्थित डिग्री कालेज में एक छात्रा ने प्रैक्टीकल की कक्षा में एक प्रोफैसर पर उससे छेड़छाड़ करने तथा गलत ढंग से छूने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
* 18 नवम्बर को अरवल (बिहार) में ‘ओमेराबाद’ स्थित ‘हिमालयन रैजीडैंशियल स्कूल’ के पांचवीं कक्षा के छात्र द्वारा बीमार होने के कारण होमवर्क नहीं कर पाने पर अध्यापक  ‘पिं्रस कुमार’ ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि बच्चे की आंखों की रोशनी चली गई। 

* 18 नवम्बर को ही सरकाघाट (हिमाचल प्रदेश) के ‘भराड़ी सज्जाओ पिपलू’ स्थित  सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने एक अध्यापक पर उनके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया, जिसके बाद अध्यापक को निलम्बित कर दिया गया है।
* 24 नवम्बर को अलवर (राजस्थान)में ‘तिबारा’ के एक प्राइवेट स्कूल में दूसरी कक्षा के एक छात्र द्वारा कक्षा में कोई पाठ सही ढंग से न पढ़ पाने के कारण उसके अध्यापक चंद्र प्रकाश ने उसे छड़ी से इतनी बुरी तरह से पीटा कि बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 

ये तो अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं पर किए जाने वाले अत्याचारों के चंद नमूने मात्र हैं। इनके अलावा भी न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं से मारपीट और यौन उत्पीडऩ इस आदर्श व्यवसाय पर घिनौना धब्बा है। अत: ऐसा करने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं को तुरंत कठोरतम और शिक्षाप्रद सजा दी जानी चाहिए ताकि यह दुष्चक्र रुके और स्कूल कालेजों में छात्र-छात्राओं के प्राण और इज्जत सुरक्षित रह सकें।—विजय कुमार 

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

    IPL
    Punjab Kings

    Delhi Capitals

    Teams will be announced at the toss

    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!