नहीं थम रहा अमरीका में ‘गोलीबारी और हिंसा’ का जानलेवा सिलसिला

Edited By ,Updated: 26 Jan, 2023 05:37 AM

deadly series of shooting and violence is not stopping in america

अमरीका में गोलीबारी और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और देश के लगभग सभी राज्य समान रूप से इसकी चपेट में आए हुए हैं। स्थिति की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 में 23 जनवरी तक सामूहिक गोलीबारी की 25 घटनाएं हुई थीं जबकि इस...

अमरीका में गोलीबारी और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और देश के लगभग सभी राज्य समान रूप से इसकी चपेट में आए हुए हैं। स्थिति की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 में 23 जनवरी तक सामूहिक गोलीबारी की 25 घटनाएं हुई थीं जबकि इस वर्ष (2023) इसी अवधि में वहां सामूहिक गोलीबारी की 37 घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें से चंद निम्र में दर्ज हैं : * 1 जनवरी को अलबामा के ‘मोबाइल’ शहर में एक समारोह के दौरान गोलीबारी के चलते व्यक्ति की मौत तथा 9 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।


* 3 जनवरी को ‘इंडियाना पोलिस’ के एक शॉपिंग माल के बाहर रात के समय गोलीबारी की घटना में एक व्यक्ति की मौत और एक अन्य घायल हो गया। 
* 4 जनवरी को ‘उताह’ शहर में एक परिवार के 5 बच्चों सहित 8 सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई। 
*  6 जनवरी को ‘फ्लोरिडा’ प्रांत में एक रेस्तरां में गोलीबारी के परिणामस्वरूप 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 

* 7 जनवरी को ‘लास एंजल्स’ में ‘हालीवुड आफ फेम’ के निकट हुई गोलीबारी में 1 व्यक्ति की मौत तथा 2 अन्य घायल हो गए। 
* 16 जनवरी को केंद्रीय कैलीफोर्निया की ‘सैन जोअकुइन वैली’ में गोशान नामक कस्बे में स्थित एक मकान में 6 माह के बच्चे तथा 17 वर्षीय नाबालिग मां सहित 6 लोगों की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। 
* 16 जनवरी को ‘फिलाडेल्फिया’ में लूटपाट के बाद एक पैट्रोल पम्प कर्मचारी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। 
* 20 जनवरी को लुइसियाना प्रांत के ‘बैटन रूज’ स्थित एक नाइट क्लब में गोलीबारी की घटना में 12 लोग घायल हो गए।
* 21 जनवरी को देर रात ‘लास एंजल्स’ शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर एक डांस क्लब में चीनी नव वर्ष मना रहे लोगों की भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग के परिणामस्वरूप 11 लोग मारे गए तथा 10 अन्य घायल हो गए। 

* 22 जनवरी को ‘शिकागो’ में तेलंगाना के एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई। वह 11 दिन पहले ही वहां आया था।
* 23 जनवरी को सॉन फ्रांसिस्को के निकट ‘हाफ मून बे’ शहर में हुई गोलीबारी की घटना में 7 लोगों की जान चली गई। इसी दिन दूसरी घटना में ‘आयोवा’ राज्य के डेस मोइनेस स्कूल में 2 छात्रों व 1 अध्यापक को गोली मार दी गई जिसके परिणामस्वरूप 2 छात्रों की मौत हो गई। 
* 24 जनवरी को ‘शिकागो’ के एक फ्लैट में 5 लोगों को गोली मारी गई जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई। 
* 25 जनवरी को जॉर्जिया में 3 नकाबपोशों ने गोली मारकर भारतीय मूल के एक अमरीकी नागरिक की हत्या कर दी जबकि उसकी पत्नी और बेटी गोली लगने से घायल हो गईं।

अमरीका में बेकाबू गोलीबारी की घटनाओं से जहां देश में ङ्क्षचता का माहौल है वहीं व्हाइट हाऊस ने 23 जनवरी को कहा है कि सरकार की ओर से व्यापक बंदूक नियंत्रण संबंधी प्रस्ताव सीनेट में पेश किया गया है जिसका उद्देश्य 2004 में समाप्त हो चुके हथियारों पर प्रतिबंध का नवीकरण करना है।
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए 24 जनवरी को अमरीकी कांग्रेस से आग्रह किया है कि असाल्ट हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जाए। 

उल्लेखनीय है कि 1994 में जब जो बाइडेन एक सीनेटर थे, तब 19 किस्म के हथियारों की बिक्री पर रोक लगाई गई थी और इस प्रतिबंध के अंतर्गत उन मैगजीनों को भी अवैध करार दे दिया गया था जिनमें गोलाबारूद के 10 से अधिक राऊंड समा सकते हों। स्वयं को सभ्य कहने वाले अमरीका में बढ़ रही ‘बंदूक संस्कृति’ के साथ-साथ लोगों में बढ़ रही असहिष्णुता और आसानी से हथियारों की उपलब्धता का दुष्परिणाम दुखद घटनाओं के रूप में निकल रहा है। 

अमरीका जैसे लोकतांत्रिक देशों में ऐसा होना अत्यंत दुखद है। यदि लोकतांत्रिक देशों में भी ऐसा होगा तो फिर लोकतांत्रिक और निरंकुश शासन वाले देशों में अंतर ही क्या रह जाएगा! लगभग 53 प्रतिशत अमरीकी देश में हथियारों पर प्रतिबंध के कठोर कानूनों के पक्ष में हैं फिर भी कोई महत्वपूर्ण कानून पारित नहीं किया जा सका। अत: जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक वहां गोलीबारी होती ही रहेगी और लोग इसी तरह मरते रहेंगे।—विजय कुमार 

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