हर्ष फायरिंग का लगातार बढ़ता रुझान बदल रहा खुशी को मातम में

Edited By ,Updated: 17 Mar, 2023 05:47 AM

the ever increasing trend of harsh firing is turning happiness into mourning

विवाह-शादियों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कई बार चंद व्यक्ति ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है।

विवाह-शादियों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कई बार चंद व्यक्ति ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है। परिणाम सोचे बिना जोश के मारे गोली चलाकर खुशी व्यक्त करने से किसी व्यक्ति के प्राण तक चले जाते हैं और खुशी के मौके दर्दनाक हादसों में बदल जाते हैं, जिनके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

  • 6 फरवरी को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) में एक युवक के सगाई समारोह में अन्य युवक द्वारा गोली चला देने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। 
  • 6 फरवरी को ही अलवर (राजस्थान) के ‘समूची’ गांव में एक विवाह के लगन समारोह में किसी युवक द्वारा चलाई गोली से एक महिला और एक बच्चे की मौत तथा कुछ अन्य लोग घायल हो गए।
  • 8 फरवरी को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में एक बच्चे के जन्मदिन की पार्टी में शामिल मेहमान देर रात तक जम कर शराब पीते रहे और उसी दौरान एक मेहमान ने जोश में आ कर अपनी पिस्तौल से गोली चला दी जिससे पार्टी में शामिल एक युवती की मौत हो गई।
  • 14 फरवरी को पूर्वी चम्पारण जिले (बिहार) के ‘गोबरी’ गांव में एक युवक द्वारा चलाई गोली लगने से अपने घर के बाहर खड़ी होकर वहां से गुजर रही बारात देख रही एक मासूम की जान चली गई। 
  • 19 फरवरी को सारण (बिहार) के ‘हरिहरपुर गांव’ के युवक की शादी में जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग में एक युवक मारा गया।
  • 21 फरवरी को आगरा (उत्तर प्रदेश) के गांव ‘बड़ा उखर्रा’ में एक सगाई समारोह में चल रही दावत के दौरान एक व्यक्ति ने अपनी बंदूक से फायरिंग कर दी जिससे खाना खा रहे दुल्हन के मौसा की मौत के अलावा दावत में शामिल एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया।
  • 22 फरवरी को रुड़की (उत्तराखंड) के ‘हसनगढ़ गांव’ में शादी की एक दावत के दौरान हर्ष फायरिंग में किसी की चलाई हुई गोली सीधे दूल्हे के नाबालिग भतीजे को जाकर लगी और उसकी जान चली गई।  
  • 6 मार्च को सुपौल (बिहार) के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के कुपडिय़ा गांव में एक विवाह समारोह के दौरान डांस देखने गए एक 50 वर्षीय व्यक्ति की हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से जान चली गई। 
  • 10 मार्च को जमुई (बिहार) में आर्कैस्ट्रा के कार्यक्रम में एक युवक ने जोश में आकर फायर कर दिया जिसकी गोली उसके छोटे भाई की छाती में लगने से उसकी मौत हो गई।
  • 12 मार्च को फतेहाबाद (हरियाणा) में एक विवाह समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग के कारण एक मजदूर महिला की जान चली गई। 
  • 14 मार्च को बक्सर (बिहार) के ‘हेठुआ’ गांव में भोजपुरी गायक ब्रजेश सिंह के ‘तिलक’ समारोह में राइफल, पिस्तौल और कट्टों से फायरिंग की जा रही थी। इस दौरान एक गोली 13 वर्षीय बच्चे को जा लगी जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। 
  • 15 मार्च को झांसी (उत्तर प्रदेश) में अपने मकान मालिक के बेटे की शादी में शामिल होने गई महिला की दूल्हे के रिश्तेदार की चलाई हुई गोली लगने से मौत तथा 4 अन्य लोग घायल हो गए। 

भारत सरकार ने हर्ष फायरिंग को अपराध करार दिया हुआ है जिसके अनुसार सार्वजनिक समारोहों, धर्मस्थानों, विवाह तथा अन्य समारोहों में फायरिंग करने पर रोक लगी हुई है व दोषी को 2 वर्ष तक कैद और एक लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है परंतु इसके बावजूद यह बुराई जारी है।

अत: जहां विभिन्न समारोहों में शराब और शस्त्रास्त्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध कठोरतापूर्वक लागू करने की आवश्यकता है, वहीं हर्ष फायरिंग में किसी की मौत या घायल होने पर दोषी को कठोरतम और तुरंत दंड देने की भी जरूरत है। इसके साथ ही ऐसे समारोहों के आयोजन स्थलों आदि के प्रबंधकों की भी जिम्मेदारी तय की जाए ताकि समारोहों में इस प्रकार की दुखद घटनाओं पर रोक लगे और परिवार उजडऩे से बच सकें। -विजय कुमार

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