Indian Passport में होंगे 5 बड़े बदलाव, अब हर भारतीय को मिलेगी स्मार्ट सुविधा

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 29 May, 2025 11:38 AM

big changes in indian passport

भारत अपने पासपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में जुटा है और इसके लिए कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब आपको RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट मिलेंगे जो आपकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देंगे। साथ ही, कुछ ऐसी जानकारी अब पासपोर्ट पर नहीं छपेगी जो आपकी निजता...

नेशनल डेस्क। भारत अपने पासपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में जुटा है और इसके लिए कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब आपको RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट मिलेंगे जो आपकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देंगे। साथ ही, कुछ ऐसी जानकारी अब पासपोर्ट पर नहीं छपेगी जो आपकी निजता (प्राइवेसी) के लिए अहम है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाए ताकि पासपोर्ट बनवाना और भी आसान हो जाए।

भारतीय पासपोर्ट 2.0: डिजिटल दुनिया में कदम

भारतीय पासपोर्ट अब पूरी तरह से डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर चुका है और 2025 तक पूरी तरह से आधुनिक बनने के लिए तैयार है। ये बदलाव सुरक्षा, निजता और पहुँच को बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं। यदि आप भारतीय पासपोर्ट से जुड़े इन बड़े बदलावों के बारे में जानना चाहते हैं तो ये 5 बातें आपके बहुत काम आएंगी:

1. ई-पासपोर्ट की शुरुआत: सुरक्षा का नया युग

भारत ने गोवा और राँची सहित कुछ शहरों में चिप-सक्षम ई-पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है। इन पासपोर्ट में RFID चिप लगी होती है जो आपके बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और तस्वीरों को सुरक्षित रूप से स्टोर करती है। इस डिजिटल तकनीक का मुख्य उद्देश्य पहचान की चोरी और धोखाधड़ी को कम करना है साथ ही आव्रजन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और सुरक्षा को मजबूत करना है।

ध्यान दें: यदि आपके पास अभी पुराना पासपोर्ट है तो आपको उसे तुरंत बदलने की ज़रूरत नहीं है। ई-पासपोर्ट का विकल्प नए आवेदनों के लिए उपलब्ध है।

 

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2. जन्मतिथि के प्रमाण पत्र से जुड़े नए नियम

  • 1 अक्टूबर, 2023 के बाद जन्मे लोग: इस तारीख के बाद जन्मे सभी लोगों को पासपोर्ट के लिए अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा। यह जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के तहत नामित प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए। यह दस्तावेज़ प्रक्रिया में प्रामाणिकता और एकरूपता सुनिश्चित करता है।
  • 1 अक्टूबर, 2023 से पहले जन्मे लोग: इस तारीख से पहले जन्मे आवेदक आधार कार्ड, पैन कार्ड या स्कूल प्रमाणपत्र जैसे वैकल्पिक दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं।

3. आवासीय पता हटाना: निजता को प्राथमिकता

अब आपके पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर आवासीय पता नहीं दिया जाएगा। इसके बजाय एक बारकोड दिया जाएगा। जब आप इस बारकोड को स्कैन करेंगे तो आपके पते की पूरी जानकारी आपके फोन पर दिख जाएगी। इस जानकारी को केवल आव्रजन अधिकारी ही एक्सेस कर सकेंगे जिससे आपकी निजता बनी रहेगी।

 

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4. माता-पिता के नाम हटाना: आधुनिक परिवार संरचनाओं का सम्मान

भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए माता-पिता के नाम को अब नए पासपोर्ट में शामिल नहीं करने का फैसला किया है। यह नया नियम विकसित पारिवारिक संरचनाओं को दर्शाता है और विविध पारिवारिक संरचना वाले व्यक्तियों जैसे सिंगल पैरेंट्स वाले परिवार और अलग-अलग परिवार के लोगों के लिए आवेदन प्रक्रिया को काफी सरल बनाता है।

5. 2030 तक पासपोर्ट केंद्रों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य

सरकार ने पासपोर्ट सेवाओं में सुधार के लिए 2030 तक पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य पासपोर्ट बनने में लगने वाले समय को कम करना और नागरिकों के लिए पासपोर्ट सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बनाना है खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए। ये सभी कदम भारत की पासपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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