महिला से छेड़छाड़ का आरोप पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस पर

Edited By ,Updated: 06 May, 2024 05:07 AM

west bengal governor anand bose accused of molesting a woman

अभी कर्नाटक के जद (एस) सांसद प्राज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण के आरोपों की स्याही सूखी भी नहीं थी कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस यौन उत्पीडऩ के आरोपों के घेरे में आ गए हैं।

अभी कर्नाटक के जद (एस) सांसद प्राज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण के आरोपों की स्याही सूखी भी नहीं थी कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस यौन उत्पीडऩ के आरोपों के घेरे में आ गए हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने 2 मई को दावा किया कि ‘‘नौकरी देने के झूठे बहाने बनाकर राज्यपाल आनंद बोस ने राजभवन में 2019 से संविदा आधार पर काम करने वाली एक महिला के साथ छेड़छाड़ की।’’  सागरिका घोष के अनुसार महिला ने आरोप लगाया है कि (पहली बार) जब उसका यौन उत्पीडऩ हुआ तो उसे 24 अप्रैल को राज्यपाल के सामने पेश होने को कहा गया था तथा 2 मई को भी उसे ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया तथा पीड़िता को शिकायत दर्ज कराने के लिए हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 

राज्यपाल आनंद बोस ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि ‘‘ये अपमानजनक नरेटिव दो असंतुष्टï कर्मचारियों द्वारा राजनीतिक दलों के एजैंटों के रूप में मुझे बदनाम कर चुनाव में फायदा उठाने की साजिश के अंतर्गत प्रसारित किए गए हैं। अगर कोई मुझे बदनाम करके किसी तरह का चुनावी फायदा उठाना चाहता है तो भगवान उसका भला करे।’’ वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्यपाल ने घोषणा की कि कोलकाता, दाॢजङ्क्षलग व बैरकपुर के राजभवन परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिस पर तृणमूल कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट किया है कि ‘‘राजभवन सरकार का है और राज्यपाल को उसमें किसी व्यक्ति का प्रवेश रोकने का अधिकार नहीं है तथा इस घटना से राजभवन की गरिमा को धक्का लगा है।’’

राज्यपालों और राज्य सरकारों के बीच कुछ वर्ष पहले तक कोई विवाद पैदा नहीं होता था और दोनों ही पक्ष परस्पर सहमति से काम करते थे, पर इन दिनों जो कुछ देखने में आ रहा है उसे किसी तरह उचित नहीं कहा जा सकता। बहरहाल वर्तमान मामले में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव का कारण पहले कारणों से बिल्कुल अलग है। अत: इस मामले की गहराई के साथ जांच करवाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा भी देनी जरूरी है तभी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।

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