काले धन को सफेद करने के लिए SBI में खोले गए 2400 खाते

Edited By ,Updated: 10 Apr, 2017 10:41 AM

2400 accounts opened in sbi for whitening black money

नोटबंदी के बाद से 31 दिसम्बर तक एस.बी.आई. की बरेली ब्रांच में काले धन को सफेद..

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद से 31 दिसम्बर तक एस.बी.आई. की बरेली ब्रांच में काले धन को सफेद करने के लिए करीब 2400 खाते खोले गए। सी.बी.आई. की जांच में यह बात सामने आई है कि इन बैंकों के माध्यम से कम से कम 8 करोड़ की ब्लैकमनी को खपाया गया है।

भारी मात्रा में कैश जमा करवाया
सी.बी.आई. ने इस मामले में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर ली है। किसी सूचना के आधार पर सी.बी.आई. ने यू.पी. के बरेली में सिविल लाइन स्थित ब्रांच का औचक निरीक्षण किया था। जांच-पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई कि बीते वर्ष 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद इस ब्रांच में खुले नए खातों में भारी मात्रा में कैश जमा करवाया गया। 8 नवम्बर से 31 दिसम्बर के बीच बैंक अधिकारियों ने 667 बचत (सेविंग), 53 करंट, 94 जन-धन, 50 पी.पी.एफ., 1518 एफ .डी., 13 फैस्टिवल, 2 सीनियर सिटीजन और एक सरकारी खाता खोला है। पड़ताल में पता चला कि इस तरह की 794 ट्रांजैक्शन हुईं जिनमें 1 लाख रुपए से अधिक रुपए जमा करवाए गए। कुछ मामलों में भारी मात्रा में नकदी जमा करवाई गई मगर जमा करवाने वालों ने इसका स्रोत नहीं बताया।

267 डोरमैट खातों को फिर चालू करवाया
आरोप है कि ये खाते बैंक अधिकारियों ने कुछ लोगों की सुविधा के लिए खोले ताकि वे बिना किसी वाजिब रिकॉर्ड नोट बदलवा सकें। एफ.आई.आर. के मुताबिक ऐसा सामने आया है कि नोटबंदी के बाद बैंक अधिकारियों ने 267 डोरमैट खातों को फिर से चालू करवा दिया ताकि नोट बदले जा सकें।

पुराने नोट बदलने का नया तरीका, कोरियर से विदेश भेजे जा रहे हैं नोट
नोटबंदी के बाद भारत में 500 और 1000 रुपए के नोटों को अवैध घोषित कर दिया गया। सरकार ने इन नोटों को बदलने के लिए लोगों को 30 दिसम्बर तक का वक्त दिया था लेकिन सरकार की नजरों से बचने के लिए और इन नोटों को तय सीमा के बाद बदलवाने के लिए लोगों ने नई तरकीब निकाल ली है। हर कानून का तोड़ निकालने में माहिर लोगों ने अब पुराने नोट बदलवाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। पुराने नोटों को बदलवाने के लिए वे अब इन्हें विदेशों में कोरियर से भेज रहे हैं। 

कस्टम विभाग ने विदेश में कोरियर से बंद हो चुके 500 व 1000 रुपए के नोट भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के लोग पुराने नोटों को विदेश में बैठे अपने लोगों के पास भेज रहे थे क्योंकि नवम्बर, 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिए नोट बदलने की समय सीमा 30 जून, 2017 रखी है। इसके साथ ही वे भारतीय नागरिक जो नवम्बर-दिसम्बर में बाहर थे उन्हें रिजर्व बैंक ने 31 मार्च तक पैसे बदलवाने की सुविधा दी थी। यह सुविधा रिजर्व बैंक के 5 दफ्तरों मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और नागपुर में थी।

किताबों के नाम पर भेजे जा रहे हैं नोट
कस्टम डिपार्टमैंट के अधिकारियों ने विदेश में पैसा भेजने वाले कुछ लोगों के खिलाफ  मामला दर्ज किया है और करीब 1 लाख रुपए कैश भी जब्त किया है। रविवार को सीनियर अधिकारियों ने बताया कि डाकघरों में विदेश भेजे जाने वाले पार्सलों पर निगाह रख रहे कस्टम डिपार्टमैंट के अधिकारियों ने जांच में पाया कि उनमें पुराने नोट थे। जिन लोगों को इस मामले में पकड़ा गया है उनमें एक कोरियर पंजाब से आस्ट्रेलिया भेजा जा रहा था। इसी तरह कुछ लोगों को कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात में भी पुराने नोट भेजने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है। बताते चलें कि लोग किताबों आदि के नाम पर कोरियर के जरिए नोट भेज रहे हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!