एमएसएमई राहत पैकेज बिहार की हिस्सेदारी तय करे केंद्र- रजक

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 May, 2020 11:03 PM

pti bihar story

पटना, 26 मई (भाषा) बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 20 लाख करोड़ रूपये के कोरोना राहत पैकेज में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित करने की मांग की है।

पटना, 26 मई (भाषा) बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 20 लाख करोड़ रूपये के कोरोना राहत पैकेज में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित करने की मांग की है।
सीतारमण को मंगलवार को लिखे पत्र में रजक ने लिखा है कि ऐसा नहीं करने से बिहार जैसे राज्यों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के उद्यम के लिए तीन लाख करोड़ रुपये बिना गारंटी ऋण देने का पैकेज केंद्र सरकार ने घोषित किया है।
उन्होंने लिखा,‘‘बिहार में बैंकों का ऋण देने के मामले में काफी नकारात्मक रवैया रहा है, वहीं साख-जमा अनुपात भी दर्शाता है कि प्रदेश में बैंक उद्यमियों को कर्ज देने में आनाकानी करते हैं। लिहाज़ा, तीन लाख करोड़ में बिहार के उद्यमियों के लिए हिस्सेदारी तय नहीं होगी, तो यहां के उद्यमी लाभान्वित नहीं होंगे। इस राहत पैकेज का उद्देश्य सिद्ध नहीं होगा।’’ रजक ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के कारण सबसे अधिक आर्थिक संकट और चुनौतियों से बिहार को जूझना पड़ रहा है। बड़ी तदाद में प्रवासी मज़दूर बिहार लौटें हैं, उनको रोजगार देने का निश्चय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। लिहाज़ा, केंद्र 20 लाख करोड़ के पैकेज में बिहार जैसे राज्य के लिए अलग से कोष एवं हिस्सेदारी तय करे।’’
सूक्ष्म खाद्य उद्यमों का जिक्र करते हुए उद्योग मंत्री ने लिखा, "बिहार में मखाना,मक्का, मगही पान, जर्दालु आम, शाही लीची, शहद और लाल आलू उत्तम गुणवत्ता के पाए जाते हैं। इनके माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज के क्लस्टर डेवलपमेंट की जरूरत है ताकि हम लोकल के लिए वोकल हो सकें और इसे ग्लोबल बना सकें।" उन्होंने इसके अलावा बाढ़ और सूखा से सबसे ज्यादा प्रभावित 15 जिलों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के लिए लोन पर दो फीसदी की आर्थिक सहायता देने की मांग की।
रजक ने लिखा कि इससे दूसरे शहरों में जाकर काम करने वाले बिहार के मजदूरों में कमी आएगी।
उन्होंने बिहार को उत्तर भारत में खाद्य प्रसंस्करण केंद्र बनाने के लिए जापानी उद्योग टाउनशिप के लिए बिहार पर भी विचार करने का आग्रह किया।
रजक ने लिखा है कि यदि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगती हैं तो यहां के बने माल को नेपाल, भूटान और बांग्लादेश आसानी से निर्यात किया जा सकता है। बिहार के पास उपजाऊ भूमि, प्रचूर जल संसाधन और कुशल और मेहनती लोग हैं।
उन्होंने लिखा है कि बिहार देशी और विदेशी कंपनियों के लिए एक अच्छा निवेशस्थल है। इससे न सिर्फ राज्य को बल्कि निवेशकों को भी फायदा होगा।
रजक ने मधुबनी पेंटिंग, खादी, रेशम और हस्तकरघा उद्योग पर ध्यान देने का आग्रह किया।
उन्होंने लिखा है कि यदि इनपर अच्छी तरह ध्यान देकर इन्हें सहायता पहुंचाई जाए तो इनका तेजी से विकास होगा और इससे घर वापस लौटे लाखों प्रवासी लोगों को रोजगार मिलेगा।
रजक ने देश में लगभग 1.5 करोड़ प्रवासी मजदूर बिहार के होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इनका रोजगार छिन गया है। है। राज्य वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाए। जो अपने घर वापस आ गए हैं, उन्हें रोजगार देने के लिए हमें विशेष सहायता राशि की जरूरत है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!