Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 01:50 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूगोलवेताओं को शहरीकरण पर चर्चा करने के साथ पृथ्वी के बारे में भी विचार करने का सुझाव दिया जिससे हमारा भविष्य बेहतर हो।
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूगोलवेताओं को शहरीकरण पर चर्चा करने के साथ पृथ्वी के बारे में भी विचार करने का सुझाव दिया जिससे हमारा भविष्य बेहतर हो। नीतीश ने ‘‘द एसोसिएशन ऑफ जियोग्राफर्स बिहार- झारखंड’’ के 2 दिवसीय 19 वें वाॢर्षिक सम्मेलन सह राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया।
पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र के ज्ञान भवन में शुरू हुए इस आयोजन में नीतीश ने कहा कि इन 2 दिनों में शहरीकरण पर चर्चा होनी है लेकिन भूगोलवेताओं को मेरा सुझाव है कि हमें इस पृथ्वी के बारे में भी सोचना चाहिए, जिससे हमारा भविष्य बेहतर हो। उन्होंने कहा कि शहरीकरण का मतलब पर्यावरण की सुरक्षा एवं सामाजिक परिवेश का विकास है।
नीतीश ने भूगोलवेताओं से कहा कि बड़े-बड़े शहरों के लिए भी प्राकृतिक वातावरण का बहुत महत्व है इसलिए पृथ्वी पर बात कीजिए। प्रकृति के नियम के खिलाफ हमें नहीं चलना चाहिए। पृथ्वी को नष्ट होने से बचाना हमारा दायित्व है। तकनीक के विकास का दुरुपयोग भी विनाश का एक बड़ा कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पटना कोई शहर नहीं बल्कि एक बड़ा गांव है।
बिहार की आॢर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं मानी जाती लेकिन 6 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन हैं। अब तो लोग मोबाइल से वॉयस और वीडियो कॉल करने लगे हैं। 1996 तक वातानुकूलित कमरे बहुत कम हुआ करते थे। जब गांव गांव में बिजली पहुंची तो गांवों में भी फ्रिज, टीवी और एयरकंडीशनर लग गए। प्रकृति से छेड़छाड़ कर हम आनंद का अनुभव तो कर रहे हैं लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल अकादमिक बहस से बुहत कुछ नहीं होगा, बल्कि इसके लिए सोच को बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी योजना लोगों की मूलभूत जरुरत को पूरा करती है। हम लोग ‘सात निश्चय’ पर काम कर रहे हैं, जिससे जरुरत की सारी चीजें बिजली, पानी, रास्ते गांवों में उपलब्ध हो जाएंगे। अब गांवों के विकास के बारे में हमारी योजना है। आज भी विधायकों, सांसदों से प्राथमिक मांग गांव की नाली-गली-पानी-बिजली रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समस्याओं से निदान के लिए गांवों, टोलों को शहर की मुख्य सड़कों से जोड़ने का काम जारी है। हमारा विकास विकेंद्रीकरण के माध्यम से होता है। इसके लिए ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से 7 निश्चय की योजनाएं क्रियान्वित हो रही है। नीतीश ने कहा कि कुदरत की महता को, ताकत को समझ कर, जरुरत भर ही उपयोग करना चाहिए। इस साल राज्य में भयावह बाढ़ आई। ऐसा क्यों हुआ? इसका कारण प्रकृति का अंधाधुंध दोहन है, इसे रोकना होगा।