कुछ भूली बिसरी यादें...(7) ‘90 से 190 करोड़’ : प्रमोद महाजन बोले ‘पंगा मत लो’

Edited By ,Updated: 13 May, 2021 05:19 AM

90 to190 crores pramod mahajan said don t mess up

मुझे 2003 में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया तो इसके कुछ दिन बाद ही मुझसे मिलने आए तमिलनाडु के दो सांसदों ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ में आंध्र प्रदेश को 90 करोड़ रुपए

मुझे 2003 में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया तो इसके कुछ दिन बाद ही मुझसे मिलने आए तमिलनाडु के दो सांसदों ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ में आंध्र प्रदेश को 90 करोड़ रुपए स्वीकार किए गए थे परंतु मंत्रालय से जारी पत्र में 90 करोड़ का 190 करोड़ रुपए कर दिया गया है व 3 वर्ष से उसे प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए अधिक जा रहे हैं। 

उनके आरोप पर मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं हुआ। मैंने कहा, ‘‘यह भारत सरकार का मंत्रालय है, किसी सेठ की दुकान नहीं जहां 90 के बाईं ओर 1 लगाकर 190 कर दिया जाए।’’ मेरे यह कहने पर भी वे बड़े विश्वास से अपना आरोप दोहराते रहे और मैंने उन्हें जांच का आश्वासन दिया। मैंने जब फाइलें देखीं तो सारी बात का पता चला। ग्रामीण सड़क योजना के लिए प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी प्रदेशों के लिए इस योजना के लिए राशि तय की गई थी। सूची में सबसे ऊपर आंध्र प्रदेश का नाम था और उसके आगे 90 करोड़ रुपए लिखा था। योजना आयोग की फाइल में भी 90 करोड़ ही था लेकिन मंत्रालय से 190 करोड़ रुपए भेजे गए। 

पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि वे इस बारे कुछ नहीं जानते। मैंने मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा कि यदि लोकसभा में यह पूछा गया कि 90 करोड़ रुपए की राशि हमारे मंत्रालय से भेजते समय 190 करोड़ रुपए कैसे कर दी गई तो मैं क्या उत्तर दूंगा? परंतु सभी अधिकारी चुप बैठे रहे। संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रमोद महाजन मेरे निकटस्थ मित्र थे। मैं सीधा फाइल लेकर उनके पास गया। वह बहुत योग्य और तीव्र प्रतिभा के मालिक थे। फाइल देख कर और मेरी बात सुन कर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा। फाइल बंद की और बोले, ‘‘मैं सब समझ गया। इसमें ...का हाथ है। चिंता छोड़ो और यह सब भूल जाओ।’’ 

यह सुनकर मैं और चिंतित हो गया। मैंने कहा, ‘‘यदि संसद में यह प्रश्न उठेगा तो मैं क्या उत्तर दूंगा? मेरे मंत्रालय से बिना किसी निर्णय के किसी प्रदेश को 100 करोड़ रुपए अधिक जाना मुझसे सहन नहीं होगा। मैं तो अब इस वर्ष केवल 90 करोड़ ही भेजूंगा।’’ उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की और हंस कर  बोलेे, ‘‘व्यावहारिक बनो, व्यर्थ पंगा मत लो।’’

मेरे मंत्रालय के सचिव ने योजना आयोग के सचिव को पत्र लिख कर पूछा कि आंध्र प्रदेश के लिए 90 करोड़ रुपए की जगह 190 करोड़ कब, किस स्तर पर और किस आधार पर हुए। उस वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट में भी प्रमुख रूप में आरोप लगा कि सब गलत हुआ है। दूसरे दिन फाइल लेकर मैं प्रधानमंत्री जी के पास गया और उनसे कहा कि इस वर्ष मैं वही 90 करोड़ रुपए ही भेजूंगा जो पहली बैठक में तय हुआ था। वह कहने लगे ठीक है। 

इस बारे और भी कई बातें सामने आने लगीं। मेरे मंत्रालय में इस पर बहुत चर्चा होने लगी। आंध्र प्रदेश में 100 करोड़ प्रतिवर्ष अधिक जा रहा था। कुछ बड़े ठेकेदारों का एक प्रभावशाली गुट था। उन्होंने ही निर्णय करवाया था। वे बहुत परेशान हुए। मैं ऐसे सब निहित स्वाॢथयों के निशाने पर आ गया। उन्हीं दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ। भाजपा हार गई। कुछ और प्रदेशों में भी भाजपा की हार हुई। पार्टी बहुत ङ्क्षचतित हुई। हिमाचल की हार के संबंध में जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा,‘‘हमारी सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकी इसलिए हार हुई।’’ 

हिमाचल सरकार पर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप लगते रहे थे। उस संबंध में मैंने भी कई बार केंद्रीय नेताओं को कहा था। मेरी ओर से एक समाचार पत्र में एक प्रश्र के उत्तर में यह भी छप गया कि हिमाचल की जनता को ऐसा लगा था कि हमारी पार्टी साफ-सुथरी सरकार नहीं दे सकी। एक दिन अटल जी ने मुझे घर बुलाया। कहने लगे कि मेरे विरुद्ध पार्टी में यह शिकायत हो रही है कि मैंने अपनी ही पार्टी की प्रदेश सरकार की आलोचना की और पार्टी मेरे विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहती है। मैंने उन्हें इतना ही कहा कि चुनाव के बाद मैंने अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दी थी। उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में अधिक सावधान हो जाना चाहिए। 

कुछ प्रदेशों में पार्टी की हार के बाद नेतृत्व बदलने की गतिविधियां चल रही थीं। एक प्रदेश में पार्टी विधायकों ने खुलेआम बैठक की और राज्यपाल से मिले। पार्टी में इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने पर विचार हो रहा था। कुछ निकट मित्रों ने यह भी बताया कि अमुक... नेता उनके प्रदेश को 100 करोड़ रुपए कम करने के मेरे निर्णय पर नाराज हैं। प्रदेश के कुछ नेता भी इस बारे उनके साथ हैं व मेरे विरुद्ध अनुशासनहीनता का आरोप लगाया जा रहा है। प्रदेश चुनाव बारे मेरे बयानों के लिए मुझे कारण बताओ नोटिस दिया गया।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!