सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें भारत में

Edited By ,Updated: 27 Sep, 2021 05:41 AM

india has the highest number of deaths in road accidents

भारत में सालाना करीब साढ़े 4 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘सड़क दुर्घटनाओं में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक...

भारत में सालाना करीब साढ़े 4 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘सड़क दुर्घटनाओं में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर 4 मिनट में एक मौत होती है।’’ 

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार भी भारत में वर्ष 2019 में 4,37,396 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,54,732 लोगों की मौत हो गई थी और 4,39,262 लोग घायल हुए थे। वर्ष 2011 में 1,36,000 लोग और 2015 में 1,48,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे। दिल्ली जैसे शहरों की बात की जाए तो यहां देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि यहां वाहनों की संख्या अधिक है। केंद्र सरकार इन दुर्घटनाओं को आने वाले सालों में 50 प्रतिशत की दर से कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

अब सड़क दुर्घटना में किसी वाहन से किसी अन्य व्यक्ति की मौत होने पर उसे हर हाल में 5 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। इस राशि को जिस वाहन से दुर्घटना होगी उसका बीमा करने वाली कंपनी द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरैंस के तहत देना होगा। वहीं दुर्घटना में घायल होने पर भी कम से कम 25 हजार रुपए तक का मुआवजा मिलेगा। साथ ही स्थायी अपंगता की स्थिति में कम से कम 50 हजार और अधिकतम पांच लाख रुपए का मुआवजा भी मिलेगा। 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिट एंड रन सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजे की रकम को 25,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए एक योजना प्रस्तावित की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बीमा प्रमाण पत्र में मोबाइल नंबर अनिवार्य बनाने के लिए सी.एम.वी.आर. 1989 को संशोधित करने हेतु जी.एस.आर. 528 (ई) दिनांक 02 अगस्त, 2021 के माध्यम से मसौदा नियमों का प्रकाशन किया है। इसके अतिरिक्त,एम.ए.सी.टी. द्वारा दावों के त्वरित निपटान के लिए विविध हितधारकों के लिए समय-सीमा सहित सड़क दुर्घटनाआें की विस्तृत जांच की प्रक्रिया, विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डी.ए.आर.) और उसकी रिपोर्टिंग अनिवार्य बना दी गई है। 

अब शासन द्वारा जो बदलाव किए गए हैं उसके तहत अब दुर्घटना के समय मृत्यु या 100 प्रतिशत स्थायी अपंगता की स्थिति में हर हाल में पांच लाख रुपए का मुआवजा बीमा कंपनी को देना होगा। पहले यह राशि आय और आयु की गणना के आधार पर डेढ़ लाख से साढ़े 5 लाख के बीच थी। पहले 10 प्रतिशत अपंगता पर ही 50 हजार रुपए मिलते थे, इससे कम होने पर अपंगता के प्रतिशत के आधार पर राशि की गणना की जाती थी, लेकिन अब 1 प्रतिशत अपंगता होने पर भी कम से कम 50 हजार रुपए मिलेंगे। 50 प्रतिशत अपंगता होने पर अढ़ाई लाख, 25 प्रतिशत होने पर सवा लाख और 20 प्रतिशत होने पर 1 लाख रुपए का मुआवजा देना होगा। इन नए संशोधनों का बड़ा फायदा यह है कि अब तक जहां 30 सालों से एक जैसी ही मुआवजा राशि मिलती आ रही थी वहीं अब इसमें हर साल वृद्धि होगी। नोटीफिकेशन के जरिए एक्ट में प्रावधान किया गया है कि 1 जनवरी 2019 से मुआवजा राशि में हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।-निरंकार सिंह
 

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