विमानन उछाल के मुहाने पर है भारत

Edited By ,Updated: 17 Oct, 2022 06:18 AM

india is on the cusp of aviation boom

90 वर्ष पूर्व भारत के पहले लाइसैंस प्राप्त कर्मशियल पायलट जे.आर.डी. टाटा ने कराची से मुम्बई के लिए एक एयरलाइन की पहली उड़ान का संचालन किया था।

 

90 वर्ष पूर्व भारत के पहले लाइसैंस प्राप्त कर्मशियल पायलट जे.आर.डी. टाटा ने कराची से मुम्बई के लिए एक एयरलाइन की पहली उड़ान का संचालन किया था। तब इसे टाटा एयर सर्विसेज के नाम से बुलाया जाता था। हालांकि डेहैवीलैंड पुस मौथ विमान में 2 यात्री सीटें थीं लेकिन इसमें केवल डाक ही ले जाई जाती थी। यह कल्पना करना कठिन है कि अक्तूबर 1932 में शुरू हुई यह मामूली शुरूआत आज भारत के जीवंत और तेजी से बढ़ते विमानन उद्योग में कैसे विकसित हुई है।

हालांकि विमानन उद्योग ने पहली उड़ान के बाद के दशकों में प्रगति की। 1994 में डी रैगुलेशन ने इसमें गति पैदा की और इस क्षेत्र में निडर उद्यमियों और व्यापारिक दिग्गजों को अपनी ओर आर्कषित किया। इसने नवाचार, प्रयोग और सामाजिक विफलता की अवधि में सफलता प्राप्त की। इसने आगामी अवधि में नई एयरलाइनों के जन्म और दूसरों के पुनर्जन्म को देखा है। वहीं, इस उद्योग ने विविध, भयंकर प्रतिस्पर्धी उद्योग को भी जन्म दिया है जो अब चौथा सबसे बड़ा और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है।

आज भारतीय विमानन प्रत्येक वर्ष 182 मिलियन से अधिक यात्रियों और 30 लाख मीट्रिक टन माल की ढुलाई करता है। लेकिन पिछले 90 वर्षों में जो कुछ भी हासिल किया गया है उसके लिए आगे 10 साल और हैं जो इसे जे.आर.डी. टाटा की पहली उड़ान के शताब्दी वर्ष तक ले जाते हैं। इस उद्योग में हम में से कई लोगों को वास्तव में रोमांच लगता है। इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि भारत का विमानन उद्योग उछाल के मुहाने पर खड़ा है और यह सबसे आगे अपनी जगह लेने के लिए तैयार है। ग्लोबल इकोनॉमिक लीग टेबल में भारत का उदय प्रभावशाली रहा है।

देश ने यूनाइटेड किंगडम को दुनिया की पांचवीं  सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ दिया है। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वृद्धि जारी रहने के लिए तैयार है। जैसे-जैसे भारत समृद्ध होता जाता है, हवाई यात्रा की मांग उसी अनुपात में बढ़ती जाती है। इस तरह के विस्तार से यह अन्य उद्योगों के लिए और भी अधिक आकर्षक बाजार बन जाएगा, जिससे विदेशों में रहने वाले लोगों द्वारा भारत से और उसके भीतर अधिक यात्रा की जा सकेगी।

उत्पादन पक्ष पर, भू-राजनीतिक रुझान और सहायक नीतियां भारत में विॢनर्माण और सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि दर्शाती हैं। यह बात भी आर्थिक विकास और हवाई यात्रा दोनों को ही बढ़ावा देगी, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय कनैक्टिविटी और रसद के लिए। भौगोलिक रूप से भारत को अंतर्राष्ट्रीय ‘सुपरकनैक्टर’ एयरलाइनों के सभी लाभ प्राप्त हैं। ऐसा अनुमान है कि दुनिया की 30 प्रतिशत आबादी भारत के 5 घंटों के भीतर रहती है जबकि नए भारतीय हवाई अड्डों का तेजी से विकास और घरेलू मार्गों का समर्थन करने के लिए ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) स्कीम केवल नैटवर्क प्रभाव को मजबूत करेगी जोकि आगे की वृद्धि को जोड़ देगी।

इसके अलावा घरेलू प्रतिभा, एक विशाल और समृद्ध प्रवासी, विविधता और पर्यटन का गुणवत्ता तथा सांस्कृतिक तथा धार्मिक आकर्षण भी किसी से पीछे नहीं है। इन्हीं कारणों से मुझे विश्वास है कि अभी विमानन में भारत से अधिक रोमांचक पृथ्वी पर कोई स्थान नहीं है। भारत के लिए अगले दशक के भीतर विश्व विमानन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने के लिए सफलता और अवसरों की सामग्री मौजूद है। सार्वजनिक और निजी पहलों के सही संयोजन के माध्यम से भारत दुनिया की एयरलाइनों की सेवा करने वाले एक महत्वपूर्ण वैश्विक रख-रखाव, मुरम्मत और ओवरहाल केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है।

इसके साथ-साथ भारत उच्च तकनीक वाले विमानन घटकों के लिए एक विनिर्माण स्थान बन सकता है। हवाई अड्डों, एयरलाइनों और सार्वजनिक क्षेत्रों के संयुक्त प्रयासों से भारत एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय विमानन केंद्र बन सकता है। वास्तव में भारत कई हब की मेजबानी भी कर सकता है और पृथ्वी पर सबसे अधिक जुड़े देशों में से एक बन सकता है। पूंजी और महत्वाकांक्षा द्वारा समॢथत भारत का आतिथ्य, तकनीकी कौशल और नवाचार भारतीय एयरलाइनों को  आगे बढ़ा सकता है। और भी बहुत कुछ है, लेकिन संदेश स्पष्ट है।

अगला दशक भारत को इस क्षेत्र में कब्जा करने का अवसर देगा। एयर इंडिया जो गर्व से जे.आर.डी. टाटा की विरासत और भारतीय विमानन में योगदान का जश्न मनाती है, घर वापस आ गई है और हम अपना काम करने के लिए अति उत्साहित हैं। एयर इंडियन्स और हम आशा करते हैं कि सभी भारतीय इस विचार को सांझा करेंगे कि इस दशक पर अधिकार करना और जे.आर.डी. टाटा की पहली उड़ान के शताब्दी वर्ष तक भारत के विमानन अवसर को साकार करना उनकी अग्रणी उपलब्धियों और विरासत के लिए  सर्वोत्तम श्रद्धांजलि होगी।-कैम्बल विल्सन (एयर इंडिया के एम.डी. तथा सी.ई.ओ.)

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!