महासागरों में हर साल फेंका जाता है 80 लाख टन प्लास्टिक

Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Jun, 2018 04:17 PM

80 million tons of plastic thrown every year inocean

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दुनियाभर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर चर्चा छिड़ गई है। वियतनाम में एक समुद्री पेड़ का पूरी तरह पॉलिथीन से लिपटा पाया जाना, थाईलैंड के एक समुद्र में प्लास्टिक बैग निगलने के कारण व्हेल मछली का मर जाना और इंडोनेशिया...

थान्ह होऐः विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दुनियाभर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर चर्चा छिड़ गई है। वियतनाम में एक समुद्री पेड़ का पूरी तरह पॉलिथीन से लिपटा पाया जाना, थाईलैंड के एक समुद्र में प्लास्टिक बैग निगलने के कारण व्हेल मछली का मर जाना और इंडोनेशिया के पैराडाइज द्वीपसमूहों के पास पानी में कूड़े का अंबार मिलना, प्लास्टिक संकट की एक डरावनी तस्वीर पेश करता है जो एशिया को अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

दुनिया भर के महासागरों में हर साल 80 लाख टन प्लास्टिक फेंका जाता है यानि हर दिन और हर मिनट एक ट्रक कूड़ा (प्लास्टिक) समुद्र में फेंका जाता है। महासागर संरक्षण को लेकर 2015 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से आधे से ज्यादा कूड़ा एशिया के पांच देशों- चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन, थाईलैंड और वियतनाम से आता है। ये सभी देश एशिया की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं जहां प्लास्टिक का उत्पादन, खपत और निस्तारण बड़ी मात्रा में होता है। ज्यादातर देशों में इसका निस्तारण सही तरीके से नहीं किया जाता।

इंडोनेशिया में ग्रीनपीस के अभियानकर्ता अहमद अशोव बिर्री ने कहा, हम प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के संकट की गिरफ्त में हैं, हम इसे हर जगह हमारी नदियों, हमारे महासागरों में देख सकते हैं, हमें इस संबंध में कुछ करना होगा।’’ विशेषज्ञों ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर और भी गंभीर खतरों का अंदेशा जताया है जो दिखाई नहीं दे रहे। माइक्रोप्लास्टिक नल के पानी में, भू-जल में और मछलियों के अंदर भी पाए गए हैं जिसे एशियाई लोग हर दिन खाते हैं। इस बार के पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषकों से निपटने पर आधारित है।  

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