Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2019 06:54 PM
ईपीएफओ के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में देश में 61,12,223 नई नौकरियां पैदा हुई हैं। वहीं, 2017-18 (सितंबर 2017 से) में 15,52,940 नई नौकरियां पैदा हुई थीं। इस तरह सितंबर 2017 से मई 2019 तक कुल 21 महीनों में 96.6 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं।
बिजनेस डेस्कः ईपीएफओ के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में देश में 61,12,223 नई नौकरियां पैदा हुई हैं। वहीं, 2017-18 (सितंबर 2017 से) में 15,52,940 नई नौकरियां पैदा हुई थीं। इस तरह सितंबर 2017 से मई 2019 तक कुल 21 महीनों में 96.6 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं। ईपीएफओ के अनुसार, पिछले मई माह में 9,86,345 नई नौकरियां पैदा हुई हैं, जो कि अप्रैल महीने में आई 10,15,286 नौकरियों की तुलना में कम रही हैं।
EPFO के आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में, 11,139 नौकरियां 18 साल से कम आयु वर्ग में देखी गई हैं। वहीं, 18 से 21 साल के आयु वर्ग में 2.9 लाख नौकरियां रजिस्टर्ड हुई हैं। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई महीने में यह सबसे ज्यादा नौकरियों वाला आयु वर्ग रहा है। इसके अलावा 22 से 25 साल के आयु वर्ग में 2.26 लाख नई नौकरियां आई हैं।
सितंबर 2017 से अप्रैल 2019 तक 21 महीने में सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं। ईपीएफओ के अनुसार, यह पहली बार था जब फॉर्मल जॉब क्रिएशन एक अकेले महीने में 10 लाख के आंकड़े को पार कर गया।
अप्रैल 2019 में, 8.78 लाख लोग ईपीएफ के नए सदस्य बने, जबकि 3.35 लाख लोग ईपीएफ योजना से बाहर हो गए। हालांकि, करीब 5 लाख सदस्यों ने ईपीएफ योजना को दोबारा ज्वाइन किया और रि-सब्सक्राइब किया। भले ही अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा 10.43 लाख रोजगार पैदा हुए हों, लेकिन कुल नए रोजगार की मासिक औसत संख्या में 2000 नौकरियों की कमी आई है। ईपीएफओ भारत में संगठित और अर्द्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा फंड मैनेज करता है। इसके 6 करोड़ से ज्यादा एक्टिव सदस्य हैं।