Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Sep, 2018 11:46 AM
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार के डेटाबेस में सेंधमारी की रिपोर्ट को पूरी तरह गलत बताया है। प्राधिकरण ने कहा है कि इस तरह की रिपोर्ट न केवल भ्रामक है बल्कि गैरजिम्मेदाराना है। दुनिया की कोई भी ताकत आधार डेटाबेस में सेंधमारी नहीं...
बिजनेस डेस्कः भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार के डेटाबेस में सेंधमारी की रिपोर्ट को पूरी तरह गलत बताया है। प्राधिकरण ने कहा है कि इस तरह की रिपोर्ट न केवल भ्रामक है बल्कि गैरजिम्मेदाराना है। दुनिया की कोई भी ताकत आधार डेटाबेस में सेंधमारी नहीं कर सकती है।
क्या कहा गया था रिपोर्ट में
मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी कर प्राधिकरण ने कहा कि सोशल मीडिया में आधार इनरोलमेंट सॉफ्टवेयर के कथित तौर पर हैक किए जाने की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। जब तक कोई व्यक्ति बायोमेट्रिक ब्यौरा नहीं देता है, कोई भी ऑपरेटर आधार कार्ड नहीं बना सकता या उसे अपडेट नहीं कर सकता। बता दें कि 'हफिंग्टनपोस्ट' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपए में आसानी से मिलने वाले एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी बना सकता है।
आधार डाटा पूरी तरह से सुरक्षित
बता दें कि मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूआईडीएआई के सीईओ ने संविधान पीठ के सामने एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया था। उन्होंने अपने 80 मिनट के इस प्रजेंटेशन में कोर्ट को बताया था कि आधार में दर्ज डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि आधार का सारा बॉयोमैट्रिक डाटा 2048 bit एनक्रिप्शन से सुरक्षित है। लिहाजा इस डाटा को चुरा पाना किसी के लिए असंभव जैसा है। उन्होंने कहा था कि एनक्रिप्शन को तोड़ने के लिए ब्रह्माण्ड की उम्र लग जाएगी।