Edited By Supreet Kaur,Updated: 25 Jun, 2018 04:49 PM
अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) ने महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर की रिफाइनरी में हिस्सेदारी के लिए आज शुरुआती समझौता किया। इस तरह से सऊदी अराम्को के साथ एडीएनओसी भी परियोजना में शामिल हो गई है जो इस परियोजना के जरिए भारत के ऊर्जा क्षेत्र...
बिजनेस डेस्कः अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) ने महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर की रिफाइनरी में हिस्सेदारी के लिए आज शुरुआती समझौता किया। इस तरह से सऊदी अराम्को के साथ एडीएनओसी भी परियोजना में शामिल हो गई है जो इस परियोजना के जरिए भारत के ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने की सोच रही है।
ADNOC की होगी 50 फीसदी हिस्सेदारी
अराम्को व एडीएनओसी की इस प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी। बाकी आधी हिस्सेदारी में सार्वजनिक क्षेत्र की आईओसी, बीपीसीएल व एचपीसीएल का हिस्सा होगा। 44 अरबर डॉलर के निवेश से छह करोड़ टन सालाना क्षमता की यह रिफानरी व इसके साथ 1.8 करोड़ टन का पेट्रोकेमिकल परिसर स्थापित किया जा रहा है। सऊदी अराम्को के सीईओ एवं अध्यक्ष अमीन एच नसीर ने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ते तेल उपभोक्ता देश के साथ सऊदी अरब व यूएई का ‘रणनीतिक निवेश अपने चरम पर’ पहुंच गया है।
हिस्सेदारी पर चल रही चर्चा
अराम्को ने शुरू में 50 फीसदी हिस्सेदारी के लिए अप्रैल में समझौता किया और कहा कि वह एक और हिस्सेदार बाद में शामिल करेगी। उन्होंने कहा कि अराम्को इस परियोजना में केवल तेल परिशोधन ही नहीं करना चाहती बल्कि वह पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री व विपणन भी करना चाहेगी। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी हिस्सेदारी एडीएनओसी व अराम्को के पास रहेगी हालांकि प्रत्येक कंपनी कितना हिस्सा रखेगी इस पर चर्चा चल रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर सऊदी अरब को 'भारत को कच्चे तेल का विश्वसनीय व भरोसमंद आपूर्तिकर्ता करार दिया। उन्होंने उसे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण कारक बताया।'