कृषि मंत्रालय का खाद्य तेल आयात शुल्क 5 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव

Edited By ,Updated: 05 Dec, 2015 01:04 PM

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कृषि मंत्रालय ने घरेलू किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेल आयात शुल्क 5 प्रतिशत और बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

नई दिल्लीः कृषि मंत्रालय ने घरेलू किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेल आयात शुल्क 5 प्रतिशत और बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। सरकार इससे पहले सितंबर में कच्चे खाद्य तेल आयात पर शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत और रिफाइंड खाद्य तेल पर 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर चुकी है।   

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "खाद्य तेलों का आयात बढ़ाने से किसान प्रभावित हुए हैं। हमने वित्त मंत्रालय से खाद्य तेलों पर लागू मौजूदा आयात शुल्क में 5 प्रतिशत और वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव किया है।" अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क को मौजूदा 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.5 प्रतिशत और रिफाइंड खाद्य तेलों पर 20 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। उसने कहा कि यह प्रस्ताव राज्य सरकारों से प्राप्त कई ज्ञापनों और खाद्य तेल उद्योग की संस्था साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसियेसन (एसईए) के आग्रह पर भेजा गया है।   

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू रबी मौसम की बुवाई के दौरान पिछले सप्ताह तक तिलहन फसल की बुवाई 57.08 लाख हैक्टेयर पर कम रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह 65.73 लाख हैक्टेयर रही थी। एसईए ने खाद्य तेल मिलों और स्थानीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार से कच्चे तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत और रिफांइड तेल पर 45 प्रतिशत करने की मांग की है।   

पिछले वर्ष देश में खाद्य तेलों का आयात 24 प्रतिशत बढ़कर एक करोड 44 लाख टन तक पहुंच गया। भारत की 1.80 से 1.90 करोड़ टन सालाना मांग में से 60 प्रतिशत की भरपाई आयात से की जाती है।

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