Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Sep, 2018 12:45 PM
भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ठल ने अपने कर्मचारियों से आगले 2 सालों में रेवेन्यू मार्केट शेयर (RMS) बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करने को कहा है।
नई दिल्लीः भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ठल ने अपने कर्मचारियों से आगले 2 सालों में रेवेन्यू मार्केट शेयर (RMS) बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करने को कहा है। विट्ठल ने कहा कि बिजनेस बढ़ाने के लिए नेटवर्क एक्सपैंशन, कंटेंट टाई-अप और एक संतुलित कंपनी जैसी ताकतें मौजूद हैं।
एयरटेल की प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो जल्द ही अपने बिजनेस के दो वर्ष पूरे करने जा रही है। कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में विट्ठल ने माना कि दूरसंचार उद्योग के लिए मुश्किल दौर चल रहा है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि देश की 3 बड़ी दूरसंचार कंपनियों के लिए 1.3 अरब ग्राहकों के मार्केट में अवसर मौजूद हैं। अन्य 2 बड़ी दूरसंचार कंपनियां वोडाफोन आइडिया और जियो हैं। विट्ठल ने एयरटेल के लगभग 34.5 करोड़ ग्राहकों की प्रिवेसी और उनके डेटा की सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया।
भारती एयरटेल का छीना NO.1 का स्थान
पिछले सप्ताह वोडाफोन आइडिया के मर्जर के बाद बनी कंपनी से भारती एयरटेल का टेलिकॉम मार्केट में पहला स्थान छिन गया है लेकिन सुनील मित्तल के मालिकाना हक वाली भारती और वोडाफोन आइडिया के 32.2 फीसदी के RMS के बीच केवल 0.5 फीसदी का अंतर है। जियो का RMS 22.4 फीसदी है।
प्राइस वॉर कंपनियों के प्रॉफिट पर पड़ा असर
जियो की सितंबर 2016 में टेलिकॉम मार्केट में एंट्री के चलते शुरू हुई प्राइस वॉर वोडाफोन-आइडिया के मर्जर का बड़ा कारण बनी है। इस प्राइस वॉर से टेलिकॉम कंपनियों के रेवेन्यू और प्रॉफिट पर बड़ा असर पड़ा है।
एयरटेल के भारत के बिजनस में पिछले दो क्वॉर्टर्स से नुकसान हो रहा है। ऐसी ही स्थिति वोडाफोन इंडिया और आइडिया की भी है। जियो की फ्री वॉयस ऑफर और बेहद सस्ते डेटा टैरिफ का जिक्र करते हुए विट्ठल ने कहा, 'हजारों नौकरियां गई हैं। दूसरे स्थान (वोडाफोन इंडिया) और तीसरे स्थान (आइडिया) की कंपनियों का मर्जर हुआ है।'