भारत ने इजराइल को भेजे अडानी ग्रुप की कंपनी में बने हर्मीस 900 ड्रोन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Feb, 2024 02:04 PM

an indian company has manufactured and sent 900 droones

भारतीय कंपनी गाजा में हमले के लिए उपयोग करने के लिए इजराइल को ड्रोन का निर्माण और निर्यात कर रही है। ये दावा मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी-एलबिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड के ज्वाइंट प्रोडक्शन के जरिए भारत...

बिजनेस डेस्कः भारतीय कंपनी गाजा में हमले के लिए उपयोग करने के लिए इजराइल को ड्रोन का निर्माण और निर्यात कर रही है। ये दावा मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी-एलबिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड के ज्वाइंट प्रोडक्शन के जरिए भारत में बने 20 हर्मीस 900 ड्रोन को इजरायल को डिलीवर किया गया है। भारत के अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इजरायल के एल्बिट सिस्टम्स ने एल्बिट 900 ड्रोन के निर्माण के लिए एक ज्वाइंट वेंचर बनाया हुआ है। हालांकि, किसी भी देश ने भारत में बने हर्मीस 900 ड्रोन को इजरायल को सौंपने की बात स्वीकारी नहीं है।

मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और रक्षा विश्लेषकों ने इस डील को लेकर चिंता जाहिर की है। उनके मुताबिक ये ड्रोन सौदा इजराइल के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करता है और दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक और सैन्य संबंधों को उजागर करता है।

हर्मीस 900 ड्रोन कितना खतरनाक

हर्मीस-900 ड्रोन का निर्माण हैदराबाद में एक निजी विनिर्माण फैसेलिटीज में किया जाता है। आपको बता दें कि इजराइल इस खतरनाक ड्रोन का इस्तेमाल पहले से करता आ रहा है। हर्मीस 900 ड्रोन 30 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने में सक्षम हैं। आमतौर पर इस ड्रोन का इस्तेमाल टोही मिशनों के साथ-साथ हवाई बमबारी सहित विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए उपयोग किया जाता है। हर्मीस 900 ड्रोन को पहली बार 2014 में गाजा में इजरायल के युद्ध के दौरान पेश किया गया था। हर्मीस 900 कोशेव या द स्टार भी कहा जाता है। यह उन चार घातक किलर ड्रोन में से एक है, जिनका उपयोग इजरायल करता है।

गाजा युद्ध के बीच ड्रोन की सप्लाई पर विवाद!

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बने हर्मीस 900 ड्रोन की डिलीवरी तब हुई है, जब इजरायली हवाई हमलों ने रफाह पर जबरदस्त बमबारी की है। रफाह फिलिस्तीन का एक घनी आबादी वाला शहरी क्षेत्र में है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि गाजा पर चल रहे हमले के दौरान ड्रोन इजरायली सेना के मुख्य हथियारों में से एक रहे हैं, जहां उनका उपयोग खुफिया जानकारी के साथ-साथ आतंकवादियों और उनके घरों पर हमले करने के लिए भी किया जाता है। इजरायल और अमेरिका दोनों ने या तो निगरानी उद्देश्यों के लिए या हमास के खिलाफ अभियान चलाने के लिए युद्धग्रस्त इलाके में ड्रोन तैनात किए हैं।

भारत, इजराइली हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, इजराइल के काफी करीब आ गया है। भारत, इजराइली हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है, जिसकी राशि प्रति वर्ष 1 बिलियन डॉलर से अधिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015-2019 के बीच, भारतीय इजराइली हथियारों की खरीद में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारतीय-इजरायली कंपनियों ने पूरे भारत में कारखानों में हथियारों का उत्पादन शुरू कर दिया है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारत के साथ साझेदारी से इजराइली हथियारों के बड़े पैमाने पर उत्पादन में मदद मिल रही है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!