Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Jul, 2018 03:03 PM
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी मुद्दा होना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस ‘सामाजिक समस्या’ से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक हालिया सर्वेक्षण...
बिजनेस डेस्कः केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी मुद्दा होना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस ‘सामाजिक समस्या’ से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक हालिया सर्वेक्षण को खारिज किया है जिसमें भारत को महिलाओं के लिए विश्व का सर्वाधिक खतरनाक देश घोषित किया गया है। इस सूची में भारत के बाद अफगानिस्तान और सीरिया का नंबर है।
लंदन के एशिया हाउस में इंडियन प्रोफेश्नल फोरम (आईपीएफ) सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि रिपोर्ट में अनुमानित 1.3 अरब जनसंख्या में केवल 200-300 महिलाओं से बात की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें किसी एक देश की ओर इशारा नहीं करना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी मुद्दा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सामाजिक समस्या है, हमें इन मुद्दों से निपटने के लिए मिल कर काम करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कदम उठाए हैं खासतौर पर दुष्कर्म के मामले में हमने मौत की सजा के लिए (नाबालिगों के मामले में) कानून में बदलाव किए हैं।’’ इस दौरान उन्होंने विश्व के सबसे बड़े बाजार से जुड़ने के लिए ब्रिटेन की कंपनियों से आईटी के क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सुविधा का लाभ उठाने का आह्वान किया। प्रसाद ने कहा, ‘‘भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था महान वृद्धि की ओर अग्रसर है। यह डिजिटल अवसरों की भूमि है और हम डिजिटल सशक्तिकरण को जन अभियान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’