बढ़ते आयात, घटते निर्यात से स्टील कंपनियां परेशान

Edited By ,Updated: 12 Jan, 2015 12:17 AM

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इस्पात उद्योग इस समय दोहरी समस्या का सामना कर रहा है। एक तरफ जहां आयात बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ निर्यात घटा है।

नई दिल्ली : इस्पात उद्योग इस समय दोहरी समस्या का सामना कर रहा है। एक तरफ जहां आयात बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ निर्यात घटा है। इससे घरेलू इस्पात विनिर्माता कमजोर घरेलू बाजार से मार्जिन में कमी को लेकर आशंकित है। वित्त वर्ष 2014-15 में अप्रैल-दिसम्बर के दौरान एक तरफ आयात में 58 प्रतिशत की वृद्धि तथा निर्यात में 6.6 प्रतिशत की गिरावट को कठोर स्थिति करार देते हुए निजी क्षेत्र की एक इस्पात कंपनी ने कच्चे माल की ऊंची लागत को इसका जिम्मेदार ठहराया।

इस्पात कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लौह अयस्क के दाम में भारी गिरावट के बावजूद हम घरेलू स्तर में इसके लाभ से वंचित हैं। साथ ही हम कोकिंग कोयले पर 2.5 प्रतिशत आयात शुल्क देते हैं जो भारत में उत्पादित नहीं होता। 
 
इसके कारण भारतीय इस्पात बनाने वाली कंपनियां वैश्विक कंपनियों ने पीछे हो रही हैं। दुनिया में चौथे सबसे बड़े स्टील विनिर्माता देश भारत में चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसम्बर के दौरान 65.1 लाख टन स्टील का आयात हुआ। वहीं दूसरी तरफ निर्यात घटकर 40.6 लाख टन पर आ गया। एक अन्य निजी क्षेत्र की कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार को इस्पात के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना चाहिए और घरेलू खपत बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिएं।

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