2022 तक हवा से बनेगी 1 लाख मैगावाट बिजली!

Edited By ,Updated: 24 Jan, 2015 09:14 AM

article

सोलर पावर मिशन के बाद अब विंड एनर्जी मिशन की बारी है। सरकार क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही इसे लांच करने वाली है।

नई दिल्लीः सोलर पावर मिशन के बाद अब विंड एनर्जी मिशन की बारी है। सरकार क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही इसे लांच करने वाली है। इस मिशन का खाका न्यू ऐंड रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट ने तैयार किया है। इसे अब प्रधानमंत्री की मंजूरी का इंतजार है। इस मिशन को लांच करके सरकार विंड एनर्जी के क्षेत्र में देश-विदेश से ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने का इरादा रखती है। अभी देश में हवा की मदद से करीब 22 हजार मैगावाट बिजली बनाई जा सकती है। सरकार इस क्षमता को 2022 तक 1 लाख मैगावाट तक पहुंचाना चाहती है।

विंड पावर इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाने, जमीन का इंतजाम करने और तेज हवा वाले क्षेत्रों की पहचान करने की योजना बनाई गई है। विंड पावर के रेट्स को रेग्युलेट करने का मकैनिजम भी तैयार किया गया है। सरकार का मानना है कि भारत हवा से 3 लाख मैगावाट तक बिजली बनाने की क्षमता रखता है। हवा से बिजली बनाने के मामले में भारत का दुनिया में पांचवां स्थान है। सोलर पावर के साथ ही विंड पावर पर ध्यान देने का मकसद प्रदूषण पर लगाम लगाना भी है। अभी कोयले से चलने वाले पावर प्लांट भारत में पल्यूशन की बड़ी वजह हैं।

सोलर पावर सरकार सोलर पावर के मामले में भी भारत को बड़ी ताकत बनाने का इरादा रखती है। इस मकसद से वह अगले 7 सालों में इस क्षेत्र में करीब 100 अरब डॉलर का निवेश करने का प्लान बना रही है। इस राशि को लोन के अलावा विदेशी निवेश से जुटाया जाएगा। इस योजना के तहत अगले कुछ सालों में देश के विभिन्न हिस्सों में 25 बड़े सोलर पावर स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से एक एमपी में बनाया जाएगा। इसकी क्षमता 750 मैगावाट होगी। इसके अलावा और कई पावर प्लांट स्थापित किए जाने की योजना है।

10 सालों में बढ़ेगी सोलर पावर सरकार अगले 10 सालों में देश में 1 लाख मैगावाट बिजली सोलर पावर से बनाने का इरादा रखती है। यह मौजूदा क्षमता से करीब 33 गुना ज्यादा होगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस क्षेत्र में उठाए गए कदमों में अमरीका, चीन, जापान और ब्रिटेन की कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। सरकार का इरादा सोलर पावर को बढ़ावा देने के साथ ही इसकी कॉस्ट को भी कम करना है। अभी सूरज से मिलने वाली बिजली परंपरागत बिजली की तुलना में करीब 50 प्रतिशत ज्यादा महंगी पड़ती है। वैसे हाल के सालों में इस कीमत में कमी लाने में कामयाबी मिली है लेकिन इसे और कम किए जाने के प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए सोलर पावर के क्षेत्र में नई टैक्नॉलजी के विकास के लिए भी काम किया जा रहा है।

25 सोलर प्लांट लगेंगे सूत्रों का कहना है कि इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए सरकार की योजना 25 विशाल सोलर पावर प्लांट लगाने की है। इनकी क्षमता कम से कम 500 मेगावॉट होगी। इन्हें अगले पांच सालों के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगाया जाएगा। इनमें से एक की क्षमता 750 मैगावाट होगी। मध्य प्रदेश में इसे लगाने के लिए एनटीपीसी और राज्य सरकार में हाल में ही समझौता हुआ है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!