Edited By ,Updated: 02 Mar, 2016 05:17 PM
एक मजबूत व बेहतर दिवाला संहिता से देश के बैंकिंग उद्योग में सरकार की सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। निजी क्षेत्र के यस
नई दिल्ली: एक मजबूत व बेहतर दिवाला संहिता से देश के बैंकिंग उद्योग में सरकार की सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। निजी क्षेत्र के यस बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर ने आज यह बात कही।
कपूर ने कहा कि इसके अलावा इससे अर्थव्यवस्था में फंसी गैर उत्पादक पूंजी को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। यस बैंक के प्रमुख ने कहा, ‘‘बैंकिंग उद्योग के संदर्भ में, एक मजबूत दिवाला संहिता से सरकार के सुधार उपायों को समर्थन मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्था में फंसी गैर उत्पादक पूंजी को बाहर निकालने में मदद मिलेगी।’’
कपूर ने कहा कि दिवाला संहिता निवेशकों को बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा। इससे पूंजी को अधिक उत्पादक क्षेत्रों में लगाया जा सकेगा। कारोबार में सुगमता को बढ़ावा तथा आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने पिछले साल आधुनिक दिवाला कानून का सुझाव दिया था। इसके तहत दिवालियापन से संबंधित मामलों का निपटान 180 दिन में किया जाना है।
कानून के मसौदे में वित्तीय दबाव का जल्द पता लगाने का भी प्रस्ताव है जिससे संकटग्रस्त कंपनी को उबारने के लिए कदम उठाए जा सकें। कपूर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए इंद्रधनुष कार्यक्रम निश्चित रूप से एक सही निशाना है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक 2016 में नीतिगत दरों में 0.50 से 0.75 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है।