फंसे कर्जों पर बढ़िया प्रदर्शन करने वाले बैंकों को मिलेगा RBI से तोहफा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jan, 2019 12:00 PM

banks performing best on stranded loans will get a gift from rbi

वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच जल्द ही स्ट्रेस्ड बैंकों के लिए प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क में ढील पर सहमति बन सकती है। यह राहत उन बैंकों को ही मिलेगी, जिन्होंने बैड लोन की समस्या को हल करने में अच्छी पहल की है।

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच जल्द ही स्ट्रेस्ड बैंकों के लिए प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क में ढील पर सहमति बन सकती है। यह राहत उन बैंकों को ही मिलेगी, जिन्होंने बैड लोन की समस्या को हल करने में अच्छी पहल की है। अभी 11 सरकारी और एक प्राइवेट बैंक पीसीए फ्रेमवर्क के तहत हैं। जिन बैंकों को पीसीए में डाला जाता है, उनके जोखिम वाले कर्ज देने और ब्रांच की संख्या बढ़ाने पर रोक लग जाती है। ऐसे बैंकों पर दूसरी पाबंदियां भी लगाई जाती हैं।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'हम सारे बैंकों को पीसीए से बाहर करने के लिए नहीं कह रहे हैं। हम सिर्फ उन बैंकों के लिए यह राहत चाहते हैं, जिन्हें इससे रिकवरी में मदद मिलेगी।' अधिकारी ने बताया कि कुछ बैंक तो फरवरी में ही पीसीए से बाहर आ सकते हैं। सरकार को लगता है कि हाल में सरकारी बैंकों को फंड दिए जाने के बाद कैपिटलाइजेशन को लेकर उनकी स्थिति सुधरी है। इसलिए उन्हें पीसीए से बाहर करने का आधार बनता है। 

अधिकारी ने कहा, 'हमने सरकारी बैंकों की फंडिंग की समस्या दूर कर दी है। इन बैंकों ने न सिर्फ लोन रिकवरी में प्रगति की है बल्कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो का रिस्क भी काफी घटाया है।' पिछले महीने सरकार ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों को और 41 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। इससे वित्त वर्ष 2019 में पब्लिक सेक्टर के बैंकों को सरकार से मिलने वाली कुल रकम 65 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपए हो गई। इससे पहले 19 नवंबर को आरबीआई की बोर्ड मीटिंग हुई थी। उस वक्त उर्जित पटेल रिजर्व बैंक गवर्नर थे। इस मीटिंग में पीसीए नॉर्म्स में कुछ ढील देने पर विचार करने को लेकर सहमति बनी थी।

अधिकारी ने बताया, 'वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में पब्लिक सेक्टर के बैंकों का ग्रॉस बैड लोन 23,860 करोड़ रुपए कम हुआ है। इस दौरान 60 हजार करोड़ की रिकॉर्ड रिकवरी हुई है। रिजर्व बैंक ने इसका नोटिस लिया है।' इस बीच, संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में भी स्ट्रेस्ड बैंकों के पीसीए फ्रेमवर्क के रिव्यू की सलाह दी गई है। समिति ने कहा, 'यह पता नहीं है कि ये बैंक किस तरह से मौजूदा बंदिशों के बीच अपने कामकाज को पटरी पर लाएंगे। इनमें से कुछ के तो डिपॉजिट लेने तक पर रोक लगा दी गई है।' उसने कहा था कि इसका बैंकिंग सेक्टर और इकॉनमी पर बुरा असर पड़ सकता है।

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