Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Nov, 2020 10:30 AM
''बिग बास्केट'' ने मार्च के महीने में देशव्यापी ‘लॉकडाउन'' की वजह से मात्र दो दिन के भीतर अपने 80 प्रतिशत कर्मचारियों को ‘गंवा'' दिया था, लेकिन अपने टीम की जिजीविषा की वजह से कंपनी एक बार फिर तेजी के राह पर लौट आई और उसने 16
नई दिल्लीः 'बिग बास्केट' ने मार्च के महीने में देशव्यापी ‘लॉकडाउन' की वजह से मात्र दो दिन के भीतर अपने 80 प्रतिशत कर्मचारियों को ‘गंवा' दिया था, लेकिन अपने टीम की जिजीविषा की वजह से कंपनी एक बार फिर तेजी के राह पर लौट आई और उसने 16 दिन में ही 12,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा और अपने कामकाज को आगे बढ़ाया। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरि मेनन ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "दो दिनों के लिए 80 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या कम होने के बाद, हम वास्तव में परेशान थे, क्योंकि आर्डर मिलना जारी था हमने 16 दिन में 12,300 लोगों को काम पर रखा - इसके माध्यम से हमने अपनी जिजीविषा की शक्ति का प्रदर्शन किया।'' मेनन तीन दिवसीय कार्यक्रम "ईशा इनसाइट: द डीएनए ऑफ सक्सेस" के एक ऑनलाइन सत्र में बोल रहे थे।
मेनन ने कहा, "किसी भी संगठन को सीखने वाला संगठन बनने की आवश्यकता है और बिग बास्केट में हमने सबसे पहला काम उत्कृष्ट प्रशिक्षण और नवाचार को स्थापित करने का किया।'' एक विज्ञप्ति में बताया गया कि ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने टेनेसी में ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ इनर साइंसेज से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा: "मनुष्य को यह महसूस करना होगा कि केवल जागरूक और जिम्मेदार कार्रवाई के साथ ही हम इस महामारी से उबर सकते हैं।"