जिनपिंग की सख्ती का नतीजा, चीन में घट गए अरबपति

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Mar, 2023 02:11 PM

billionaires decreased in china as a result of jinping s strictness

दुनिया में सबसे ज्यादा अरबपति चीन में हुआ करते थे। 16 जनवरी 2023 तक चीन अरबपतियों की कुल संख्या 969 थी जबकि अमेरिका में सिर्फ 691 अरबपति थे लेकिन पिछले साल 400 से अधिक लोगों ने अपना अरबपति का दर्जा खो दिया और इनमें

नई दिल्लीः दुनिया में सबसे ज्यादा अरबपति चीन में हुआ करते थे। 16 जनवरी 2023 तक चीन अरबपतियों की कुल संख्या 969 थी जबकि अमेरिका में सिर्फ 691 अरबपति थे लेकिन पिछले साल 400 से अधिक लोगों ने अपना अरबपति का दर्जा खो दिया और इनमें से ज्यादातर चीन से थे। वैश्विक मौद्रिक तंगी, कोरोना महामारी और प्रमुख तकनीकी कंपनियों पर चीन सरकार की सख्ती ने सुपर अमीरों को चोट पहुंचाई है।

चीन में 229 अरबपति नीचे गिरे 

हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2023 से कुल 445 अरबपति बाहर हो गए हैं जिनमें से चीन के 229 अरबपति हैं। इस लिस्ट में ऐसे अमीर हैं जिनकी नेटवर्थ न्यूनतम एक अरब डॉलर है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने भी इस अवधि के दौरान सूची में 69 नए अरबपतियों को जोड़ा। हुरुन रिपोर्ट के संस्थापक और अध्यक्ष रूपर्ट हूगवर्फ़ ने कहा- दुनिया में अरबपतियों की संख्या में 8 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि उनकी कुल संपत्ति में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल कुल 3,112 लोगों के नाम लिस्ट में थे जबकि उसके पहले 3,381 की सूची थी।

लक्जरी ब्रांड्स के मालिक 

लिस्ट के अनुसार, लक्जरी ब्रांडों के लिए एक अच्छा वर्ष रहा। एलवीएमएच के प्रमुख बर्नार्ड अरनॉल्ट सूची के शीर्ष पर और हर्मीस के बर्ट्रेंड प्यूच और परिवार तीसरे स्थान पर रहे। सूची से बाहर होने वाले प्रमुख नामों में सैम बैंकमैन-फ्राइड शामिल हैं, जिन्होंने क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के पतन के बाद अपना $21 बिलियन डॉलर साम्राज्य खो दिया।

चीन में, चीन के ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग के संस्थापक जैक मा एक साल पहले के 34वें स्थान से गिरकर 52वें स्थान पर आ गए जिसका मुख्य कारण चीन के तकनीकी क्षेत्र पर नियामकों की सख्त कार्रवाई रही है।

हुग्वेर्फ़ ने कहा- ब्याज दर में बढ़ोतरी, अमेरिकी डॉलर की मजबूती, कोरोना संचालित टेक कंपनियों का पतन और रूस-यूक्रेन युद्ध के निरंतर प्रभाव ने सभी को नुकसान पहुंचाया है। पिछले साल जनवरी के अंत तक, एसएंडपी 500 14 प्रतिशत से अधिक गिर गया, जबकि चीन में, बेंचमार्क शंघाई कंपोजिट सूचकांक लगभग 11 प्रतिशत टूट गया। इस बीच चीनी युआन ने 2022 में बढ़ते डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य का लगभग 8 प्रतिशत खो दिया, जो कि 1994 के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है।

हुग्वेर्फ़ ने कहा कि मैं केवल एक चीज के बारे में निश्चित नहीं हूं कि क्या वैश्विक वित्तीय संकट हमारे सामने होगा? हमने अमेरिका और फिर स्विट्जरलैंड में बैंक संकट देखा है। 

 

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