सेंसेक्स 1700 अंक लुढ़का, इन 5 वजहों से शेयर बाजार में मचा कोहराम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Jun, 2022 02:09 PM

bse fell 1700 points due to these 5 reasons there was a ruckus

सोमवार को शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई। 2.00 बजे सेंसेक्स 3.22 फीसदी यानी 1749 अंक गिरकर 52,553 अंक पर चल रहा था। इसकी वजह शुक्रवार को आए अमेरिकी में रिटेल इनफ्लेशन का डेटा है। अमेरिका में मई में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 8.6...

बिजनेस डेस्कः सोमवार को शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई। 2.00 बजे सेंसेक्स 3.22 फीसदी यानी 1749 अंक गिरकर 52,553 अंक पर चल रहा था। इसकी वजह शुक्रवार को आए अमेरिकी में रिटेल इनफ्लेशन का डेटा है। अमेरिका में मई में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 8.6 फीसदी पहुंच गया। इससे अमेरिका में केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने में आक्रामक रुख अपनाने की उम्मीद है। इधर, इंडिया में सोमवार (13 जून) शाम रिटेल इनफ्लेशन के मई के डेटा आने वाले हैं।

इन वजहों से बाजार में आई गिरावट

विदेशी बाजारों से कमजोर संकेत
शुक्रवार (10 जून) को अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। मई में रिटेल इनफ्लेशन में उछाल से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में ज्यादा वृद्धि करने की उम्मीद है। इससे डाओ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 2.73 फीसदी गिर गया। एसएंडपी 500 इंडेक्स 2.91 फीसदी गिरा। नैस्डेक कंपोजिट 3.52 फीसदी फिसला। मई में इनफ्लेशन 8.6 फीसदी हो गया। यह दिसंबर 1981 के बाद सबसे ज्यादा है। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को आई गिरावट का असर सोमवार को इंडिया सहित दूसरे एशियाई बाजारों पर दिखा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख
माना जा रहा है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व जून और जुलाई में इंटरेस्ट रेट 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। सितंबर में भी इंटरेस्ट रेट में इतनी ही बढ़ोतरी हो सकती है। रायटर्स के पोल में शामिल 85 इकोनॉमिस्ट्स का मानना था कि बुधवार (15 जून) को फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। इससे यह 1.25 -1.50 फीसदी हो जाएगा। पिछले महीने भी फेड ने इंटरेस्ट रेट में इतनी बढ़ोतरी की थी।

इंडिया में इनफ्लेशन का डेटा
RBI ने पिछले हफ्ते पेश मॉनेटरी पॉलिसी में इस करेंट ईयर में इनफ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। मई के रिटेल इनफ्लेशन के आंकड़े सोमवार शाम जारी होंगे। एक्सपर्ट्स की नजरें इस डेटा पर लगी है। वे जानना चाहते हैं कि इनफ्लेशन को कंट्रोल में करने के लिए उठाए गए कदमों का असर महंगाई दर पड़ा है या नहीं। सरकार ने महंगाई को काबू में करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

फॉरेन इनवेस्टर्स की बिकवाली
इंडिया सहित उभरते बाजारों में विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट बढ़ने, यूक्रेन क्राइसिस और केंद्रीय बैंकों के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की वजह से फॉरेन इनवेस्टर्स इंडियन मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं। वे पिछले 8 महीनों से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर से वे अब तक 3.45 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं। इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2.63 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की है।

डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे निचले स्तर पर
डॉलर के मुकाबले रुपया में गिरावट का रुख है। यह गिरकर 78.28 के स्तर पर आ गया है। उधर बॉन्ड यील्ड बढ़कर 7.60 फीसदी हो गई है। यह 28 फरवरी, 2019 के बाद 10 साल के बॉन्ड की सबसे ज्यादा यील्ड है।
 

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