Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2020 12:52 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि वह अपना बजट भाषण छोटा रखना चाहती थी लेकिन आखिर में लंबे बजट भाषण के मामले में वह अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ बैठी। सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि वह अपना बजट भाषण छोटा रखना चाहती थी लेकिन आखिर में लंबे बजट भाषण के मामले में वह अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ बैठी। सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में 2020-21 को बजट भाषण पेश करते हुए 161 मिनट के बजट भाषण का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने पिछले साल जुलाई के अपने ही बजट भाषण के रिकार्ड को तोड़ा है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए जुलाई 2019 में सीतारमण ने दो घंटे 17 मिनट का भाषण पढ़ा था। सीतारमण ने उद्योग जगत के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ केवल मेरा भाषण ही नहीं जो काफी लंबा था इसके अलावा मेरी तरफ से मंत्रालय के साथ शिकवा शिकायत भी चल रही थी। मैं हर किसी से यही कह रही थी कि इस साल का भाषण छोटा होना चाहिए लेकिन किसी ने यह साजिश रच डाली कि नहीं आपको इसे ही लंबा भाषण करना होगा।''
निवेश पर झिझक छोड़ें कारोबारी
वित्त मंत्री ने कारोबारियों को निवेश से जुड़े फैसलों में अपनी झिझक छोड़ने को कहा है। कार्यक्रम में कारोबारियों से बातचीत में वित्त मंत्री ने साफ किया कि सिर्फ सरकार के निवेश के भरोसे ही अर्थव्यवस्था को गति नहीं दी जा सकती है। उद्योग संगठन सीआईआई के कार्यक्रम में वित्तमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता मौजूदा हालात ऐसे हैं जिसमें सिर्फ सरकारी खर्च के भरोसे ही अर्थव्यवस्था को गति दी जा सकती हो। वित्त मंत्री ने साफ कहा कि उद्योग और कारोबारी फिलहाल निवेश को लेकर झिझक रहें हैं, उन्हें ये झिझक छोड़नी होगी।