अमेजन और फ्लिपकार्ट के FDI नियमों का उल्लंघन करने के खिलाफ कैट ने की सख्त कार्रवाई की मांग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Nov, 2020 02:36 PM

cait demands strict action against amazon and flipkart violating fdi rules

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट द्वारा लगातार सरकार की नीतियों का घोर उल्लंघन करने के मुद्दे पर अपनी लड़ाई जारी रखते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज इन कम्पनियों के मनमाने

बिजनेस डेस्कः ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट द्वारा लगातार सरकार की नीतियों का घोर उल्लंघन करने के मुद्दे पर अपनी लड़ाई जारी रखते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज इन कम्पनियों के मनमाने रवैए एवं एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की। "यह एक अजीब स्थिति है जहां ई-कॉमर्स कम्पनियां नीति और कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और उनके खिलाफ अनेक शिकायतें भी की जा रही है, पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, यही कारण है कि मजबूर हो कर कैट ने देश भर में 20 नवम्बर से 40 दिनों के निर्णायक युद्ध अभियान शुरू करने किया है।"

अमेजन के खिलाफ शिकायत करते हुए, कैट ने गुरुप्रसाद महापात्र, सचिव,आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को ज्ञापन भेज कर कैट ने अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत बने विभिन्न नियमों /विनियमों के उल्लंघनों और अपराधों के लिए को उन्हें दोषी ठहराया है और सख्त कार्रवाई तथा दंड की मांग की। 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-आधारित मॉडल के लिए एफडीआई में अनुमति नहीं है, बावजूद इसके ये ई कॉमर्स कम्पनियां परोक्ष रूप से भारतीय कंपनियों को नियंत्रित कर रहे है। इनके द्वारा किए गए प्रमुख उल्लंघनों में से एक अमज़ोन द्वारा फ्यूचर रिटेल लिमिटेड जो एक बहु-ब्रांड रिटेलर कम्पनी है  पर नियंत्रण का स्वयं का दावा शामिल है। इसके अलावा अमज़ोन द्वारा मोर रिटेल लिमिटेड जो कि एक मल्टी ब्रांड रिटेलर है उस पर नियंत्रण बनाए हुए है, वॉलमार्ट केे स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट का नियंत्रण आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड पर है, जो एक मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी है, फ्लिपकार्ट सीधे/अप्रत्यक्ष रूप से विक्रेताओं अथवा उनकी इन्वेंट्री को नियंत्रित कर रहा है और उनके ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफ़ॉर्म पर भी उसका नियंत्रण है। 

अमेजन सीधे/अप्रत्यक्ष रूप से अपने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफ़ॉर्म पर विक्रेताओं और/ या उनकी इन्वेंट्री को नियंत्रित करता है, अमेज़न रिटेल पेंट्री अपने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफ़ॉर्म पर मल्टी-ब्रांड खाद्य उत्पादों की बिक्री करता है, अमेज़न ने कथित तौर पर 35,000 करोड़ रुपए का निवेश भारतीय ई-कॉमर्स बाजार पर कब्जा करने के उद्देश्य से किया है जो भारत में करोड़ों छोटे व्यापारियों के व्यापार लिए मौत का कारण बन गया है।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि भारत में अमेज़न और वालमार्ट की मौजूदा गतिविधियां अनेक प्रकार के सवाल उठाती हैं, जैसे क्या राष्ट्र की संप्रभुता बनी रह सकती है जब तक अमेज़न और वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश के कानूनों को रौंदने की अनुमति मिलती रहेगी? क्या इन बड़े वैश्विक कंपनियों को जो भारत के लोगों के हितों के विपरीत काम करते हैं उन्हें आज़ाद छोड़ दिया जाएगा? क्या अमेजन / वॉलमार्ट को कभी भी इस बात कर अहसास नही कराया जाएगा कि कानून उनसे ऊपर है? क्या अमेजन / वॉलमार्ट को यह कभी अहसास नही होगा कि भारत बनाना रिपब्लिक नही बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह कानून के शासन द्वारा शासित है देश है?

भरतिया एवं और खंडेलवाल ने डीपीआईआईटी सचिव को भेजे अपने ज्ञापन में कैट ने अमेजन  पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 13 के तहत जुर्माना लगाने की मांग की है, जो निवेश का तीन गुना है, जो फेमा नियमों के उल्लंघन में भी आता हैं। खुदरा व्यापार भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है और भारतीय आबादी के 25% से अधिक लोगों को रोजगार और आजीविका प्रदान करता है। इसलिए, वर्तमान एफडीआई नीति और फेमा नियमों का उद्देश्य मल्टी-ब्रांड रिटेल क्षेत्र में विदेशी कम्पनियों के सीमित निवेश को  सुनिश्चित करना है और ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में एफडीआई को प्रतिबंधित करना है। दूसरे देशों की तरह अमेज़न और वालमार्ट के कैपिटल डंपिंग का विपरीत प्रभाव भारत पर भी पड़ा है, जहाँ लाखो लोग बेरोजगार हो गए है।

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि फेमा नियम उन हजारों छोटे और मझोले उद्यमों के हितों की रक्षा करने के लिए हैं, जो संभवतः असीमित संसाधनों के चलते विदेशी कंपनियों के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते हैं जिनको दुनिया भर में जिस  भी देश मे जाने की अनुमति मिली वहां उन्होंने स्थानीय उद्योग को नष्ट करने का रिकॉर्ड  बनाया है। अमेजन और फ्लिपकार्ट (वॉलमार्ट) दोनों कंपनियां विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियमों, 2019 का खुलेआम उल्लंघन कर अपना संचालन कर रही हैं। पर ऐसा करते समय, वे इस तथ्य से पूरी तरह से बेखबर हैं कि भारत  एक बनाना गणराज्य नहीं है बल्कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह कानून द्वारा शासित देश है। इसलिए, उन्हें तुरंत भारतीय कानून का उल्लंघन करना बंद करना चाहिए।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!