Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 11:12 AM
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) डिफाल्टर्स के नाम सार्वजनिक करने की अपनी नीति का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत ऐसे आंकड़े बैंक तथा क्रैडिट रेटिंग एजैंसियों से सांझा किए जा सकते हैं।
नई दिल्लीः केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) डिफाल्टर्स के नाम सार्वजनिक करने की अपनी नीति का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत ऐसे आंकड़े बैंक तथा क्रैडिट रेटिंग एजैंसियों से सांझा किए जा सकते हैं। बोर्ड ने मौजूदा व्यवस्था के बारे में विचार करने और उसकी समीक्षा के लिए एक विशेष समिति गठित की है। प्रधान महानिदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय समिति को जो एजैंडा दिया गया है, उसमें पहचाने गए चूककत्र्ताओं के नाम सार्वजनिक करने की नीति का मकसद पूरा हुआ है या नहीं और क्या इसका दायरा बढ़ाए जाने की जरूरत है, शामिल हैं। समिति का गठन 25 मई को हुआ।
टैक्स वसूलने के उपाय सुझाएगी समिति के एजैंडे के तहत समिति बकाए टैक्स की तेजी से वसूली के लिए उपायों की सिफारिश करेगी। साथ ही समिति भविष्य की रूप-रेखा पर भी सुझाव देगी ताकि करोड़ों रुपए के बकाया या चूक करने वालों की शिनाख्त हो सके और कर कानून के तहत अभियोजन चलाया जा सके। 106 डिफाल्टर्स का डाटा हुआ सार्वजनिकइंकम टैक्स डिपार्टमैंट अब तक नेमिंग एंड शेमिंग पॉलिसी के तहत 106 डिफाल्टर कम्पनियों का अपनी आधिकारिक वैबसाइट पर डाल चुका है। इसमें न्यूनतम 1 करोड़ रुपए टैक्स डिफॉल्ट करने वाली कम्पनियां भी शामिल हैं।