Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Sep, 2020 01:14 PM
कोरोना काल में बहुत से लोगों को मोराटोरियम (किस्त चुकाने में मोहलत) की सुविधा से राहत मिली है, जिसे एक बार फिर से बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन मोराटोरियम की सुविधा
बिजनेस डेस्कः कोरोना काल में बहुत से लोगों को मोराटोरियम (किस्त चुकाने में मोहलत) की सुविधा से राहत मिली है, जिसे एक बार फिर से बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन मोराटोरियम की सुविधा को 2 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को लेकर कल यानी बुधवार को सुनवाई करेगा और फिर अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट में बहुत सारी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें ब्याज माफ करने की मांग की गई है। ये ब्याज उन ईएमआई पर लगा है, जिन्हें कोरोना काल में मोराटोरियम के तहत सस्पेंड किया गया था।
बैंकों ने दी थी EMI चुकाने से राहत
ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन के कारण रोजगार छिनने से लोन वालों को राहत देने के मकसद से ईएमआई वसूलने में नरमी दिखाई थी। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा था कि वो अपने ग्राहकों को 31 अगस्त तक ईएमआई नहीं भरने का ऑफर दें। हालांकि, इस दौरान ग्राहकों से सामान्य दर से ब्याज वसूलने की भी अनुमति बैंकों को दी गई थी। अब हो सकता है कि इस सुविधा को सीधे 2 साल के लिए बढ़ा दिया जाए।
लोन रीस्ट्रक्चर की बात भी बोल चुका है रिजर्व बैंक
कुछ समय पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने ये घोषणा की थी कि वह कंपनियों से लेकर आम जनता तक के लिए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा लाएगा। इसके जरिए एयरलाइन कंपनियां, होटल और स्टील-सीमेंट कंपनियां भी अपना लोन रीस्ट्रक्चर कर सकेंगी, जो कोरोना की वजह से नुकसान झेल रही हैं। रिजर्व बैंक अभी लगातार यही कोशिश कर रहा है कि पिछले 100 सालों में आई इस सबसे बड़ी क्राइसिस में लोगों की मदद कर सके।