टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र ने उठाया बड़ा कदम, इस तारीख से कम होंगी कीमतें

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2023 02:46 PM

center took a big step amidst the rising prices of tomatoes

टमाटर की कीमतें जल्द ही कम हो सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सुपर प्लान तैयार कर लिया है। सरकार ने अपने इस प्लान में नेशनल एग्रीकल्चारल कॉरपोरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन यानी नेफेड और नेशनल कॉरपोरेटिव कंज्यूमर फोरम यानी एनसीसीएफ को भी शामिल कर दिया...

बिजनेस डेस्कः टमाटर की कीमतें जल्द ही कम हो सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सुपर प्लान तैयार कर लिया है। सरकार ने अपने इस प्लान में नेशनल एग्रीकल्चारल कॉरपोरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन यानी नेफेड और नेशनल कॉरपोरेटिव कंज्यूमर फोरम यानी एनसीसीएफ को भी शामिल कर दिया है। दोनों संगठनों को सरकार की ओर से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदने और उन्हें उन प्रमुख कंज्यूमर सेंटर्स में डिस्ट्रीब्यूट करने का निर्देश दिया है, जहां रिटेल सेल ज्यादा होती है। कंल्यूमर मामलों के डिपार्टमेंट ने बयान में कहा कि पिछले एक महीने में कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है। 14 जुलाई तक दिल्ली-एनसीआर एरिया में कंज्यूमर्स को सस्ती दरों पर रिटेल दुकानों के माध्यम से टमाटर डिस्ट्रीब्यूट किए जाएंगे।

सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में टमाटर की कीमतें 326.13 फीसदी बढ़ी हैं। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश के कारण स्थिति खराब हो गई है, जो राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में रसोई के प्रमुख सामान और अन्य सब्जियों का प्राइमरी स्पलायर है। टमाटर उन क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूट किए जाएंगे जहां पिछले एक महीने में खुदरा कीमतें ऑल इंडिया एवरेज से ऊपर हैं।

इन महीनों में सबसे ज्यादा होती है कटाई

भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है। सबसे ज्यादा प्रोडक्शन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जिनका कुल प्रोडक्शन में योगदान 56 फीसदी से 58 फीसदी के आसपाास है। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र में सरप्लस प्रोडक्शन की वजह से प्रोडक्शन सीजन के बेस पर देश के दूसरे बाजारों में सप्लाई करते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में प्रोडक्शन सीजन भी अलग-अलग होते हैं। सबसे ज्यादा टमाटर की कटाई दिसंबर से फरवरी तक होती है। विभाग ने एक बयान में कहा कि जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर के दौरान टमाटर का प्रोडक्शन कम होता है। विभाग ने अपने बयान में कहा कि जुलाई के महीने में मानसून के मौसम के कारण टमाटर की कीमतें काफी ज्यादा देखने को मिलती है, जो डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बाधा पैदा करती है और ट्रांजिट लॉस में इजाफा करती है।
 

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