भारत में Cryptocurrency पर लग सकता है बैन, संसद के अगले सत्र में बिल पेश करेगी केंद्र सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Aug, 2019 03:47 PM

central government will introduce the bill in the next session of parliament

बीते दिन यानी गुरुवार को केंद्र सरकार ने देश के सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि एक्सपर्ट पैनल ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीपर पूरी तरह से बैन लगाने का सुझाव दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए सरकार...

नई दिल्लीः बीते दिन यानी गुरुवार को केंद्र सरकार ने देश के सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि एक्सपर्ट पैनल ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीपर पूरी तरह से बैन लगाने का सुझाव दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए सरकार रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल करंसी बिल 2019 को संसद के अगले सत्र में पेश करेगी।

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सरकार को डिजिटल मनी लॉन्च करने का सुझााव
क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से वैध करने के लिए अंतर-मंत्रालयी पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल ने पिछले माह अपने रिपोर्ट में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए। इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि सरकार को खुद की डिजिटली मनी लॉन्च करना चाहिए। हालांकि, पैनल ने यह भी कहा कि भविष्य में आरबीआई द्वारा संभावित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी जारी करने पर सरकार को परेशानी भी नहीं होनी चाहिए।

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क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने पर हो कानूनी कार्रवाई
ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से गैर-कानूनी घोषित किया जाना चाहिए। यदि कोई इसका इस्तेमाल करते है तो उसके लिए जुर्माना के साथ-साथ 10 साल के लिए जेल भी होना चाहिए। जस्टिस आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज यानी बुधवार को भी इस मामले पर सुनवाई करने को कहा है।

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पिछले साल ही RBI ने जारी किया था सर्कुलर
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के 6 अप्रैल वाले सर्कुलर पर स्टे लगाने से मना कर दिया था, जिसमें बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों को वर्चुअल करंसी का इस्तेमाल करने से मना किया गया था। आरबीआई के इस सर्कुलर के बाद सभी वित्तीय संस्थान व बैंकों ने क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को बैन कर दिया था।

RBI सर्कुलर को चुनौती देते हुए दायर किए गए हैं याचिका
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाओं को लेकर आरबीआई के इस सर्कुलर पर सुनवाई कर रहा था। इनमें इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएश्न ऑफ इंडिया ने भी आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती दिया है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन करने राइट टू ट्रेड के तहत गलत है, जोकि एक संवैधानिक हक है।
 

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