Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Apr, 2018 01:44 PM
अगर आप प्राइवेट या पब्लिक सेक्टर की कंपनी में काम करते हैं और पीएफ खाता धारक है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 433 एेसी कंपनियों की जांच शुरू कर दी है जिन पर पीएफ मैनेजमेंट में गड़बड़ियों की आशंका है। ईपीएफओ...
नई दिल्लीः अगर आप प्राइवेट या पब्लिक सेक्टर की कंपनी में काम करते हैं और पीएफ खाता धारक है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 433 एेसी कंपनियों की जांच शुरू कर दी है जिन पर पीएफ मैनेजमेंट में गड़बड़ियों की आशंका है। ईपीएफओ ने अपने फील्ड ऑफिसों से इन 433 कंपनियों का तुरंत ऑडिट कर इनकी वित्तीय हालत का पता लगाने का निर्देश दिया है।
कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू
कर्मचारियों के पीएफ का लेखा-जोखा रखने वाले ईपीएफओ की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट से पता चलता है कि ईपीएफओ में 6.25 हजार करोड़ का डिफॉल्ट हुआ है। ईपीएफओ के एक विभाग ने यह पाया कि अपने खुद के प्रविडेंट फंड ट्रस्ट्स चलाने वाली इन 433 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के फरवरी 2018 के पीएफ रिटर्न्स फाइल नहीं किए हैं। ईपीएफओ ने इन कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
एजेंसियों को सौंपी जा सकती है जांच
ईपीएफओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घपलेबाजों को पीएफ की राशि जमा करानी ही होगी। ऐसी स्थिति में कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। लेबर लॉ एक्ट के तहत कंपनियों से वसूली के लिए उन पर ठोस कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, अगर कोई घोटाला है तो इसकी जांच एजेंसियों को भी सौंपी जा सकती है।