Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2018 03:38 PM
दिल्ली में चीनी-खांड के थोक बाजार में बीते सप्ताह कमजोरी का रुख दिखाई दिया जहां पर्याप्त मात्रा में तैयार स्टॉक के बीच स्टॉकिस्टों और थोक उपभोक्ताओं की सुस्त मांग से चीनी कीमतों में 70 रुपए प्रति क्विन्टल की गिरावट आई।
नई दिल्लीः दिल्ली में चीनी-खांड के थोक बाजार में बीते सप्ताह कमजोरी का रुख दिखाई दिया जहां पर्याप्त मात्रा में तैयार स्टॉक के बीच स्टॉकिस्टों और थोक उपभोक्ताओं की सुस्त मांग से चीनी कीमतों में 70 रुपए प्रति क्विन्टल की गिरावट आई। इस बीच, सरकार ने बुधवार को विपणन वर्ष 2018-19 के लिए चीनी के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 20 रुपए बढ़ाकर 255 रुपए से 275 रुपए प्रति क्विन्टल कर दिया। इसका भुगतान चीनी मिलों को गन्ना किसानों को करना होता है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा ऊंचे स्तर पर स्टॉकिस्टों के साथ साथ आइसक्रीम एवं शीतलपेय निर्माता जैसे थोक उपभोक्ताओं की कमजोर मांग ने चीनी कीमतों में तीन सप्ताह से जारी तेजी को रोक दिया। ब्राजील के बाद चीनी के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में इसका उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2017-18 (अक्तूबर से सितंबर) में रिकॉर्ड 3 करोड़ 22.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।
मूल्य खंड में चीनी मिल डिलीवरी एम-30 और एस -30 की कीमतें भी 70-70 रुपए की हानि के साथ क्रमश: 3,300-3,450 रुपए और 3,290-3,440 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। चीनी तैयार एम-30 और एस-30 की कीमतें 50-50 रुपए की गिरावट के साथ सप्ताहांत में क्रमश: 3,600-3,750 रुपए और 3,590- 3,740 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं।