Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Nov, 2022 04:30 PM
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत बीते दिनों ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के प्रतिकूल असर को महसूस कर रहा है। इसके साथ ही सीआईआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अनुरोध किया है कि वह ब्याज दर में
नई दिल्लीः उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत बीते दिनों ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के प्रतिकूल असर को महसूस कर रहा है। इसके साथ ही सीआईआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अनुरोध किया है कि वह ब्याज दर में बढ़ोतरी की रफ्तार घटाए। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक रेपो दर में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। ब्याज दर पर विचार करने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की समिति की बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।
सीआईआई के विश्लेषण के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2022) में बड़ी संख्या में कंपनियों की आय और मुनाफे में कमी आई है। ऐसे में सीआईआई ने तर्क दिया कि मौद्रिक सख्ती की गति में कमी करने की जरूरत है। सीआईआई के अनुसार, आंकड़े बताते हैं कि घरेलू मांग में सुधार का रुख है।
हालांकि, वैश्विक सुस्ती का असर भारत की वृद्धि संभावनाओं पर भी पड़ सकता है। उद्योग निकाय ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू वृद्धि को बनाए रखने के लिए आरबीआई को अपनी मौद्रिक सख्ती की रफ्तार को पहले के 0.5 प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए।''