IPO बाजार से दूर कंपनियां, इस साल अबतक केवल 11 कंपनियां आई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2019 01:28 PM

companies away from ipo market only 11 companies have come this year so far

बाजार में कमजोर धारणा के कारण पूंजी जुटाने के लिए कंपनियां इस साल आईपीओ लाने से बच रही हैं। यह साल खत्म होने में केवल साढ़े तीन महीने बचे हैं लेकिन अबतक केवल 11 कंपनियां ही बाजार में दस्तक दीं। इन कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए...

नई दिल्लीः बाजार में कमजोर धारणा के कारण पूंजी जुटाने के लिए कंपनियां इस साल आईपीओ लाने से बच रही हैं। यह साल खत्म होने में केवल साढ़े तीन महीने बचे हैं लेकिन अबतक केवल 11 कंपनियां ही बाजार में दस्तक दीं। इन कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाई हैं। वहीं पूरे 2018 में 24 कंपनियां आईपीओ लेकर आई और 30,959 करोड़ रुपए जुटाई थी। 

विशेषज्ञों के अनुसार आईपीओ बाजार अगले कुछ महीनों तक चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है। इसका कारण वैश्विक और घरेलू कारणों से बाजार में उतार-चढ़ाव का होना है। रिलायंस सिक्युरिटीज के शोध प्रमुख नवीन कुलकर्णी ने कहा, ‘‘आईपीओ बाजार चालू वर्ष की बची हुई अवधि में भी कठिन बना रह सकता है। लघु एवं मझोली कंपनियों के शेयरों के मूल्यांकन में तीव्र सुधार हुआ है जिसका असर प्राथमिक बाजारों पर पड़ा है।''

शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस साल अबतक 11 कंपनियां आईपीओ लेकर आई और 10,300 करोड़ रुपए जुटाई। इसकी तुलना में पूरे 2018 में 24 कंपनियों ने 30,959 करोड़ रुपए जुटाए। वहीं 2017 में 36 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए 68,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। ये राशि व्यापार विस्तार योजनाओं, कर्ज भुगतान और कार्यशील पूंजी के लिए जुटाई गई। साथ ही आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि का बड़ा हिस्सा प्रवर्तकों, निजी इक्विटी कंपनियों तथा अन्य मौजूदा शेयरधारकों के पास आंशिक या पूर्ण हिस्सेदारी बिक्री के एवज में गई। 

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि में कमी के कई कारण हैं। इसमें अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, बाजार को लेकर कमजोर धारणा और भारतीय मुद्रा की विनिमय दर में गिरावट शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट बैंकिंग के कार्यकारी निदेशक मुकुंद रंगनाथन ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 में काफी संख्या में आईपीओ आए। उसके मुकाबले 2018 और 2019 में आईपीओ की संख्या में लगातार कमी आई है। यह कई कारकों का नतीजा है जिसके कारण प्राथमिक पूंजी बाजारों में पिछले एक-डेढ़ साल में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल 90 कंपनियों ने आईपीओ के लिए विवरण पुस्तिका जमा की लेकिन इसमें काफी कम कंपनियां ही आईपीओ लाने में सफल रही। वास्तव में कंपनियां अपनी पूंजी जरूरतों के लिए आईपीओ बाजार के बजाए दूसरे विकल्पों पर गौर कर रही हैं।''
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!