उपभोक्ताओं को फिर लगेगा झटका, बढ़ सकते हैं रिफाइंड ऑयल के दाम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jan, 2022 04:52 PM

consumers will be shocked again the price of refined oil may increase

सरकार की तमाम कोशिशों के बाद पाम तेल की कीमतों में मिली राहत एक बार फिर खत्‍म होती दिखाई दे रही है। आने वाले समय में किचन और उद्योगों में सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होने वाले पाम तेल के दाम बढ़ सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका लग सकता है।

बिजनेस डेस्कः सरकार की तमाम कोशिशों के बाद पाम तेल की कीमतों में मिली राहत एक बार फिर खत्‍म होती दिखाई दे रही है। आने वाले समय में किचन और उद्योगों में सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होने वाले पाम तेल के दाम बढ़ सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका लग सकता है।

दरअसल, भारत को पाम तेल का सबसे ज्‍यादा निर्यात करने वाले देश इंडोनेशिया ने अपना शिपमेंट घटाने का फैसला किया है। इससे देश में पाम तेल की आवक घटेगी जिसका सीधा असर घरेलू बाजार व उपभोक्‍ताओं पर होगा। खाद्य तेल उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हम इंडोनेशिया से कम आपूर्ति की भरपाई मलेशिया से आयात बढ़ाकर करना चाहते हैं लेकिन दिक्‍कत ये है कि वहां से इतना पाम तेल आना संभव नहीं है। इंडोनेशिया ने एक घरेलू बिल के जरिए अपना पाम तेल निर्यात घटाने की बात कही है, ताकि वहां घरेलू कीमतें नीचे लाई जा सकें।

60% आयात इंडोनेशिया से
भारत अपनी कुल जरूरत का 60 फीसदी पाम तेल आयात इंडोनेशिया से करता है। यही कारण है कि इंडोनेशिया से कम तेल आने पर भारतीय घरेलू बाजार और उपभोक्‍ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। भारत सालाना अपनी कुल जरूरत का दो तिहाई खाद्य तेल आयात करता है, जो करीब 1.5 करोड़ टन होता है। इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दूसरा बड़ा निर्यातक है, जो भारत की खपत का 40 फीसदी पाम तेल निर्यात करता है।

भारत अपनाएगा ये रणनीति
वरिष्‍ठ अधिकारियों का कहना है कि खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों से उपभोक्‍ताओं को राहत दिलाने के लिए आयात रणनीति में बदलाव करेंगे। हम अपनी जरूरतों को पाम तेल के बजाए सोयाबीन, सूरजमुखी जैसे तेलों से पूरी करेंगे। अमेरिका सोया तेल का बड़ा निर्यातक है।

50 साल बाद घटेगा पाम तेल आयात
खाद्य तेल उद्योग के जानकारों का कहना है कि पाम तेल का आयात 50 साल बाद सोयाबीन और सूरजमुखी के मुकाबले नीचे आएगा। फरवरी में पाम तेल का कुल आयात 5 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि सूरजमुखी और सोयाबीन का आयात 6 लाख टन पहुंच जााएगा।

घटेंगे सरसों तेल के दाम
इस बीच उपभोक्‍ताओं के लिए राहत भरी खबर ये है कि बुआई का रकबा बढ़ने से रिकॉर्ड 120 लाख टन सरसों उत्‍पादन का अनुमान है। इससे घरेलू बाजार में सरसों तेल के दाम घटने की पूरी उम्‍मीद है। 2021 में सरसों तेल की कीमतें 200 रुपए लीटर तक पहुंच गई थी। 2020-21 में करीब 87 लाख टन सरसों का उत्‍पादन हुआ था। इस साल सरसों का रकबा 90.5 लाख हेक्‍टेयर पहुंच गया है, जो पिछले साल 61.5 लाख हेक्‍टेयर था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!