Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Nov, 2021 12:57 PM
बुधवार को क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट के बीच ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर बिल (Bill on Cryptocurrency) को पेश करेगी।
नई दिल्ली: बुधवार को क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट के बीच ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर बिल (Bill on Cryptocurrency) को पेश करेगी। इससे पहले मोदी सरकार ने भी यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी।
वहीं इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई हैं। दरअसल, एक न्यूज चैनल के मुताबिक, इस बिल से क्रिप्टोकरेंसी पर कोई बैन नहीं लगेगा। उसके मुताबिक, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को हवाला, टेरर फंडिंग में उसकी भूमिका पर नजर रखने के लिए रेगुलेट कर रही है।
सूत्र ने कहा कि रेगुलेशन मैकेनिज्म तय होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। सरकार को इस बात से चिंतित है कि कहीं क्रिप्टो का इस्तेमाल हवाला या टेरर फंडिंग में ना किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी की मान्यता नहीं दी जाएगी क्योंकि यह असल करेंसी और देश के टैक्स सिस्टम के लिए खतरा है। उन्होंने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक सख्त मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा ताकि लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां यह पता लगा सकें कि क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांजैक्शन कहां से शुरू हुआ है और इसका इस्तेमाल किसी राष्ट्रविरोधी या अवैध काम में तो नहीं हो रहा है।
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 उन 26 बिल में शामिल है जिन्हें शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा।
बता दें कि इससे पहले BJP नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई संसदीय समिति की बैठक में क्रिप्टोकरेंसी फाइनेंस पर चर्चा हुई थी। इसके बाद यह फैसला लिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई जाएगी बल्कि उसे रेगुलेट किया जाएगा।