भारतीय बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा घटा, 10 साल में निकाले इतने पैसे

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jun, 2018 06:46 PM

decrease of confidence of foreign investors on the indian market

कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों के अलावा करंसी और करंट अकाउंट डिफिसिट के प्रभाव का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर देखने को मिल रहा है। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने अप्रैल

बिजनेस डेस्कः कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों के अलावा करंसी और करंट अकाउंट डिफिसिट के प्रभाव का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर देखने को मिल रहा है। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने अप्रैल और मई के बीच पिछले 10 सालों में भारतीय बाजार से सबसे ज्यादा पैसे निकाले हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक साल 2018 के शुरूआती 5 महीनों में विदेशी निवेशकों ने 4.4 बिलियन डॉलर (करीब 32,078 करोड़ रुपए) भारतीय कैपिटल मार्केट से निकाले हैं। अप्रैल में विदेशी निवेशकों के भारतीय मार्केट से पैसे निकालने का आंकड़ा 2.35 बिलियन डॉलर (करीब 15,561 करोड़ रुपए) रहा। जबकि मई में यह आंकड़ा 4.4 बिलियन डॉलर (29,775 करोड़ रुपए) पर पहुंच गया।

पैसे निकालने का आंकड़ा 10 सालों का उच्चतम स्तर 
भारतीय कैपिटल मार्केट से विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने का यह आंकड़ा 10 सालों का उच्चतम स्तर है। इससे पहले 2008 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय कैपिटल मार्केट से 9.3 बिलियन डॉलर (करीब 41,216 करोड़ रुपए) निकाले थे। वहीं 2016 में दूसरी बार एफपीआई की रकम बढ़ी लेकिन तब आंकड़ा 3.19 बिलियन डॉलर (23,079 करोड़ रुपए) था। 2008 में ग्लोबल फाइनेंशल क्राइसिस का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर पड़ा था और यही वजह थी कि विदेशी निवेशकों ने पैसे निकाले थे। हालांकि इस बार का विदेशी निवेशकों का आउटफ्लो 2008 के आंकड़ों से बिल्कुल अलग है। इन्वेस्टर्स द्वारा 2018 में सिर्फ 5 फीसदी यानी करीब 1,599 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले गए हैं। जबकि 2008 में 52,987 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले गए थे।

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