Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jul, 2019 05:06 PM
भारतीय कपास महासंघ (आईसीएफ) ने भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से उसके पास मौजूद रुई या कपास की पूनी के स्टॉक को मौजूदा बाजार मूल्य पर निकालने की मांग की है। सीसीआई के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ पी अल्ली रानी को लिखे पत्र में महासंघ ने कहा है कि
कोयम्बटूरः भारतीय कपास महासंघ (आईसीएफ) ने भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से उसके पास मौजूद रुई या कपास की पूनी के स्टॉक को मौजूदा बाजार मूल्य पर निकालने की मांग की है। सीसीआई के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ पी अल्ली रानी को लिखे पत्र में महासंघ ने कहा है कि उसकी सदस्य कताई मिलों को सूत और तैयार माल के उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए गुणवत्ता वाली कपास नहीं मिल पा रही है। आईसीएफ के अध्यक्ष जे तुलासिधारा ने पत्र में कहा है कि कारोबारी हलको में कपास का उत्पादन कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
हालांकि कपास सलाहकार बोर्ड का अनुमान है कि 2018-19 के सत्र में कपास उत्पादन 337 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलो) रहेगा। उन्होंने कहा कि कई कारणों से कपास की आवाजाही और उपलब्धता प्रभावित हो रही है। इससे मिलों को बिना किसी कर्मचारी को निकाले परिचालन में बनाए रखना मुश्किल हो रहा है, विशेषरूप से अप्रैल-सितंबर के सीजन में। इस सीजन में कपास की आवक कम रहती है।
उन्होंने कहा कि इससे जहां मिलों के लिए कच्ची कपास की उपलब्धता कम होती है बल्कि घरेलू बाजार में कीमत भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ माह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि घरेलू बाजार में इसमें सिर्फ पांच प्रतिशत का ‘करेक्शन' हुआ है।