Edited By Isha,Updated: 20 Jan, 2019 10:35 AM
पेंशभोगियों के एक मंच ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्र्यिथयों को आरक्षण के प्रावधानों के मद्देनजर सालाना आठ लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय को
नई दिल्लीः पेंशभोगियों के एक मंच ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्र्यिथयों को आरक्षण के प्रावधानों के मद्देनजर सालाना आठ लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय को आयकर से छूट दिए जाने की मांग की है। भारतीय पेंशनर्स मंच का तर्क है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण में सालना आठ लाख रुपए तक की आय वालों को आर्थिक रूप से कमजोर मान कर उन्हें आरक्षण के अवसर का पात्र माना गया है इस लिए आयकर छूट की सीमा भी वर्तमान 2.5 लाख से बढ़ा कर आठ लाख रुपए की जानी चाहिए।
संगठन के महामंत्री वी. एस. यादव ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वर्तमान सरकार ने सवर्णों को दिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए आठ लाख रुपए सालाना की आय वालों को गरीब माना है। इसलिए अब सरकार को आठ लाख रुपए तक की आय वालों से आयकर वसूलना भी बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में आयकर छूट सीमा को ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर आठ लाख रुपए किया जाना चाहिए। तभी सभी को न्याय मिल सकेगा। संगठन के कहा है कि अपने सभी पेंशनभोगी सदस्यों की ओर से उसने अपनी मांगों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन भी भेजा है और वह अपनी अपनी मांगों पर टिका है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी पहली फरवरी को 2019-20 का बजट पेश करेंगे। यह बजट अंतरिम बजट होगा। वर्तमान में 2.5 लाख रुपए सालाना से कम की आय पर 0 प्रतिशत, 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए सालाना की आय पर आयकर की दर पांच प्रतिशत है। 5 से 10 लाख रुपए की आय पर कर की दर 20 प्रतिशत और उससे ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।