Edited By Supreet Kaur,Updated: 01 Jun, 2018 11:45 AM
बाजार नियामक सेबी ने दिग्गज रियल्टी कंपनी डीएलएफ पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया। डीएलएफ पर यह जुर्माना आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि के इस्तेमाल के संबंध में गलत जानकारियां देने पर लगाया गया। बाजार नियामक ने नियमों के संभावित उल्लंघन का पता लगाने के...
नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने दिग्गज रियल्टी कंपनी डीएलएफ पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया। डीएलएफ पर यह जुर्माना आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि के इस्तेमाल के संबंध में गलत जानकारियां देने पर लगाया गया। बाजार नियामक ने नियमों के संभावित उल्लंघन का पता लगाने के लिए जून से दिसंबर 2007 के बीच डीएलएफ के शेयरों की जांच शुरू की थी। इसके बाद यह आदेश दिया गया है।
सेबी ने कहा कि जांच में पाया गया है कि कंपनी ने सितंबर 2007 तिमाही में ऋण की पूर्व-अदायगी में इस्तेमाल की गई राशि के बारे में शेयर बाजारों को गलत जानकारी दी। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि डीएलएफ ने सिंतबर 2007 तिमाही में शेयर बाजार को बताया कि 30 सिंतबर 2007 तक उसने कर्ज के पूर्वभुगतान (समय से पहले भुगतान) के लिए 3,143.56 करोड़ रुपए का उपयोग किया था। दिसंबर 2007 तिमाही में डीएलएफ ने दिखाया है कि उसने इसी मद में ऋण के पूर्वभुगतान के लिए 2,469.75 करोड़ रुपए का इस्तेमाल किया गया, जो कि पिछली तिमाही की तुलना में कम है। बाद में सेबी के समक्ष दाखिल अपने जवाब में कंपनी ने इसे असावधानीवश हुई त्रुटि बताया था।
डीएलएफ ने कहा कि जब आईपीओ मॉनिटरिंग एजेंसी ने ऑडिट के दौरान इस गडबड़ी की ओर ध्यान दिलाया तो कंपनी ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में सुधार किया था। सेबी न्यायिक अधिकारी बी जे दिलीप ने कहा, मैंने निष्कर्ष निकाला है कि डीएलएफ ने इस संबंध में गलत जानकारी दी है। सितंबर 2007 को समाप्त तिमाही में धन के वास्तवितक उपयोग और अनुमानित उपयोग में भिन्नता पाई गई है, जो कि सूचीबद्ध समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन है।