ऊँचे किराए से विमानन क्षेत्र में सुस्ती, 52 महीने बाद वृद्धि दर 10 फीसदी से कम

Edited By Isha,Updated: 20 Feb, 2019 03:10 PM

due to high fares in the aviation sector after 52 months

लगातार चार साल औसतन लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे विमानन क्षेत्र में अब सुस्ती आने लगी है। किराये में बढ़ोतरी और बेस अफेक्ट के कारण अगस्त 2014 के बाद पहली बार गत जनवरी में हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की दर इकाई अंक में रही। नागर

नई दिल्लीः लगातार चार साल औसतन लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे विमानन क्षेत्र में अब सुस्ती आने लगी है। किराये में बढ़ोतरी और बेस अफेक्ट के कारण अगस्त 2014 के बाद पहली बार गत जनवरी में हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की दर इकाई अंक में रही। नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा बुधवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2019 में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या 9.10 प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ 25 लाख आठ हजार पर रही। इससे पहले लगातार 52 महीने तक यह दहाई प्रतिशत में बढ़ी थी।

दिसंबर 2018 में यह 12.91 फीसदी बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर एक करोड़ 26 लाख 93 हजार पर रही थी। विमान ईंधन के मद में लागत बढऩे से विमान सेवा कंपनियों ने पिछले तीन-चार महीने में औसत विमान किराये में बढ़ोतरी की है। इस कारण भी क्षेत्र की वृद्धि दर प्रभावित हुई है।

वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज को यात्रियों की संख्या के हिसाब से बाजार हिस्सेदारी में जबरदस्त झटका लगा है। वह दूसरे स्थान से खिसककर चौथे पायदान पर चली गयी है। गत जनवरी में 14 लाख 91 हजार यात्रियों ने जेट एयरवेज से यात्रा की और उसकी बाजार हिस्सेदारी 11.9 प्रतिशत रही।
 

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