Bye-bye 2018ः क्रूड ऑयल और ट्रेड वॉर की वजह से रुपए की पूरे साल गिरती रही साख

Edited By Isha,Updated: 27 Dec, 2018 10:34 AM

due to the downfall of the whole year due to crude oil and trade war

वर्ष 2018 देश की इकोनॉमी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाएगा क्योंकि इसका महत्वपूर्ण कारण है कि इसी साल भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर उभरा लेकिन भारत के रुपए का प्रदर्शन 2018 में बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा जिसके पीछे घरेलू कारणों से

बिजनेस डेस्कः वर्ष 2018 देश की इकोनॉमी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाएगा क्योंकि इसका महत्वपूर्ण कारण है कि इसी साल भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर उभरा लेकिन भारत के रुपए का प्रदर्शन 2018 में बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा जिसके पीछे घरेलू कारणों से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय कारण रहे। सबसे बड़ा कारण क्रूड ऑयल की कीमतों का बढऩा रहा जिसकी वजह से देश के रुपए को काफी नुक्सान उठाना पड़ा। दूसरा सबसे बड़ा कारण अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वॉर रहा जिसकी वजह से एशिया की तमाम करंसी को नुक्सान पहुंचा और जिसमें रुपया सबसे आगे की पंक्ति में था।
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जनवरी से जुलाई तक ऐसे गिरा रुपया
"एक वैबसाइट के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपए का प्रदर्शन कुछ खास देखने को नहीं मिला। जहां जनवरी के महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया 63 और उसके आसपास ही रहा। फरवरी महीने में रुपया 64 रुपए पर आ गया। इसी तरह से जुलाई महीने तक रुपया डॉलर के मुकाबले गिरता रहा और 31 जुलाई में रुपया 68.53 पर आकर बंद हुआ। जानकारों की मानें तो उस दौरान सिर्फ  क्रूड ऑयल का ही असर देखने को मिल रहा था जिसकी वजह से जनवरी से जुलाई तक रुपया एक या उससे कम की गिरावट पर चलता रहा।
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अगस्त से अक्तूबर में देखने को मिली बड़ी गिरावट
अगस्त से लेकर अक्तूबर के बीच में चीन और अमरीका के बीच ट्रेड वॉर तेज होने के कारण रुपए में गिरावट और तेजी से देखने को मिली। क्रूड ऑयल में बढ़ती तेजी और ट्रेड वॉर के कारण 1 अगस्त से 31 अक्तूबर के बीच रुपए में 5.58 रुपए यानी हर महीने 2 रुपए की गिरावट देखने को मिली। एंजेल ब्रोकिंग के वाइस प्रैजीडैंट अनुज गुप्ता की मानें तो इस दौरान चीन और अमरीका के बीच ट्रेड वॉर तेज होने के कारण भारत समेत एशिया की तमाम करंसी में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं क्रूड भी रुपए को झटका देने में जुटा हुआ था जिसकी वजह से रुपए में गिरावट में तेजी देखने को मिली। आपको बता दें कि इस साल 31 अक्तूबर को रुपया डॉलर के मुकाबले अपनी सबसे बड़ी गिरावट 73.96 रुपए के स्तर पर था।
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2 महीने में 3 रुपए मजबूत हुआ रुपया नवंबर से अब तक रुपए में डॉलर के मुकाबले में थोड़ा सुधार देखने को मिला है।  आंकड़ों के अनुसार करीब दो महीनों में रुपए में करीब रुपए तक का सुधार देखने को मिल चुका है। 1 नवम्बर को डॉलर के मुकाबले में रुपया 73.45 रुपए था जो 21 दिसम्बर को 70.14 रुपए पर आ चुका है। पिछले दो महीने में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार कटौती देखने को मिल रही है जिसकी वजह से रुपए की औकात में इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में रुपए में और भी मजबूती देखने को मिल सकती है।

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