7 साल में 3 गुणा हो जाएगा न्यूट्राशूटिकल्स बाजार

Edited By ,Updated: 05 Jul, 2016 01:29 PM

e commerce nutraceuticals

मांग बढऩे तथा ई-कॉमर्स के जरिए आसान पहुंच के कारण न्यूट्राशूटिकल्स का घरेलू बाजार अगले 7 साल में 3 गुणा होकर 8.5 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा।

नई दिल्लीः मांग बढऩे तथा ई-कॉमर्स के जरिए आसान पहुंच के कारण न्यूट्राशूटिकल्स का घरेलू बाजार अगले 7 साल में 3 गुणा होकर 8.5 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा।  

 

उद्योग संगठन एसोचैम ने बाजार अध्ययन कम्पनी आर.एन.सी.ओ.एस. के साथ मिलकर तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह बात कही है। उसने कहा कि वर्ष 2015 में देश का न्यूट्राशूटिकल्स बाजार 2.8 अरब डॉलर का रहा था। वर्ष 2019 में इसके 5 अरब डॉलर के पार 5.2 अरब डॉलर पर तथा वर्ष 2022 तक 8.5 अरब डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। 

 

न्यूट्राशूटिकल्स में 2 तरह के उत्पाद आते हैं। एक पूरक पोषाहार जिसमें प्रोटीन सप्लिमेंट, विटामिन तथा खनिज सप्लिमेंट और हर्बल सप्लिमेंट शामिल हैं। दूसरा फंकशनल खाद्य एवं पेय पदार्थ जिसमें सामान्य खाद्य पदार्थों में ही कुछ तत्त्व अगले से मिलाकर या कुछ की मात्रा बढ़ाकर इन्हें ज्यादा पौष्टिक बनाया जाता है। जैसे नमक में अलग से आयोडीन मिलाकर आयोडीन नमक तैयार करना। गेहूं के आटे की जगह उसमें चना, मक्का आदि का आटा मिलकर उसकी पौष्टिकता बढ़ाना। 

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा समय में न्यूट्राशूटिकल्स बाजार में 64 प्रतिशत हिस्सेदारी पूरक पोषाहारों की तथा 36 प्रतिशत फंकशनल खाद्य एवं पेय पदार्थों की है। पूरक पोषाहारों का बाजार वर्ष 2015 में 1.8 अरब डॉलर का था जो 16 प्रतिशत सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ता हुआ 2022 तक 5.2 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी विटामिन एवं खनिज पोषाहारों की, 32 फीसदी हर्बल पूरक आहारों की तथा 22 फीसदी प्रोटीन वाले पूरक आहारों की है। वहीं फंकशनल खाद्य एवं पेय पदार्थों का बाजार मौजूदा एक अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2002 तक 3.2 अरब डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। इस्तेमाल के लिहाज से न्यूट्राशूटिकल्स की 51 प्रतिशत खरीददारी पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने के लिए, 30 प्रतिशत मांसपेशियां बनाने के लिए तथा 15 प्रतिशत वजन बढ़ाने-घटाने के उद्देश्य से की जाती है।  

 

रिपोर्ट के अनुसार, देश की विशाल जनसंख्या को देखते हुए यहां बड़ा ग्राहक आधार मौजूद है। इसके अलावा एक ओर लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता बढ़ रही है तो दूसरी ओर डॉक्टर नियमित दवाओं के साथ न्यूट्राशूटिकल्स की सलाह देने लगे हैं। इन सब कारकों से इसका बाजार तेजी से बढ़ेगा। ई-कॉमर्स के विस्तार से पूरक पोषक आहारों की उपलब्धता भी बढ़ गई है जिससे वर्ष 2022 तक इसका बाजार बढ़कर 3 गुणा हो जाने की उम्मीद है। 

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