नोटबंदीः ई-वॉलेट कंपनियों की चांदी

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 04:57 PM

e wallet companies earn a lot due to noteban

नोटबंदी से सबसे बड़ा फायदा मोबाइल वॉलेट और इलैक्ट्रॉनिक पेमेंट इंडस्ट्री को हुआ है।

नई दिल्लीः नोटबंदी से सबसे बड़ा फायदा मोबाइल वॉलेट और इलैक्ट्रॉनिक पेमेंट इंडस्ट्री को हुआ है। सरकार जिस तरह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है, उसका असर दिखने भी लगा है। पिछले 1 महीने में ही डिजिटल पेमेंट में कई गुना का उछाल आया है।

नोटबंदी के बाद एटीएम और बैंकों के बाहर की कतारें आम हो चली हैं। लोगों को कैश की दिक्कतें हो रही हैं। लेकिन इसका एक फायदा ये हो रहा है कि लोग डिजिटिल पेमेंट पर जोर दे रहे हैं। नोटबंदी के बाद 1 महीने में डिजिटल पेमेंट में 6 गुना तक बढ़ौतरी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान रुपे कार्ड से लेनदेन 500% से ज्यादा बढ़ा है। वहीं ई-वॉलेट से पेमेंट भी करीब 3 गुना हो गया है। इस दौरान यू.पी.आई. से 15 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ जो 1 महीने पहले 2 करोड़ रुपए से भी कम था। वहीं यू.एस.एस.डी. से लेनदेन भी तेजी से बढ़ रहा है। प्वाइंट ऑफ सेल यानि 
(पी.ओ.एस.) से शॉपिंग के लिए पेमेंट में भी 40% से ज्यादा की बढ़ौतरी हुई है। जानकारों का मानना है कि आगे डिजिटल पेमेंट की रफ्तार में और तेजी अाएगी।

हालांकि कई जानकार डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा के खतरों को बहुत बड़ी बाधा मानते हैं। लेकिन सरकार और कंपनियों का कहना है कि डिजिटल पेमेंट पूरी तरह सुरक्षित हैं। अगर थोड़े बहुत खतरे हैं तो उन्हें सुलझा लिया जाएगा। नोटबंदी के बाद सरकार भी डिजिटल पेमेंट को जमकर बढ़ावा दे रही है और अगर ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाते हैं तो इकोनॉमी को फायदा होगा।

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